निवेश के लिहाज से चांदी की चमक बरकरार, इस साल दिया 11 प्रतिशत का रिटर्न

Ankit
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(राधा रमण मिश्रा)


नयी दिल्ली, नौ मार्च (भाषा) वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच चांदी भी निवेशकों को निवेश के लिहाज से आकर्षित कर रही है और इसने इस साल अबतक लगभग 11 प्रतिशत का रिटर्न (प्रतिफल) दिया है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का मानना है कि मजबूत बुनियाद और अन्य मूल्यवान धातुओं की तुलना में सस्ती कीमतों के साथ, चांदी का प्रदर्शन रिटर्न के लिहाज से अगले दो-तीन साल बेहतर रहने की उम्मीद है।

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सोने की तुलना में चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक होता है। इसका कारण यह निवेश परिसंपत्ति के साथ-साथ औद्योगिक धातु के रूप में उपयोगी और आकर्षक है। लेकिन यह सोने की तुलना में अधिक किफायती है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए इसे खरीदना आसान हो जाता है।

मेहता इक्विटीज लि. के उपाध्यक्ष (जिंस) राहुल कलंत्री ने कहा, ‘‘ देश में चांदी की कीमत एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) वायदा में बीते वर्ष 17.50 प्रतिशत चढ़ी है और यह 10 साल के औसत रिटर्न 9.56 प्रतिशत से अधिक है। पिछले दो साल में इसमें मजबूत प्रदर्शन देखने को मिला है और इस साल भी अबतक इसमें 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ चांदी के हाल के प्रदर्शन को देखते हुए निवेशक आने वाले समय में इसमें संभावनाओं को लेकर सतर्क हुए हैं। वर्तमान में, चांदी वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान 25 अप्रैल, 2011 को निर्धारित अपने रिकॉर्ड 50 डॉलर प्रति औंस से लगभग 35 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रही है। कीमत का यह स्तर बाजार में तेजी की उम्मीद करने वालों के लिए निवेश को लेकर एक आकर्षक प्रवेश बिंदु का संकेत हो सकता है।’’

उल्लेखनीय है कि एशियाई बाजार में चांदी वायदा कीमत बीते शुक्रवार को 0.17 प्रतिशत घटकर 33.28 डॉलर प्रति औंस रही।

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के निदेशक (जिंस और मुद्रा) नवीन माथुर ने कहा, ‘‘एक जिंस के रूप में चांदी औद्योगिक धातु होने के कारण अत्यधिक अस्थिर रही है। साथ ही अनिश्चित आर्थिक परिदृश्य के दौरान निवेश उद्देश्यों के लिए भी इस पर गौर किया जाता है। हालांकि, अन्य कीमती धातुओं की तुलना में मजबूत बुनियाद और सस्ती कीमतों के साथ, अगले दो-तीन साल के परिदृश्य के हिसाब से रिटर्न के मामले में चांदी का प्रदर्शन अन्य कीमती धातुओं से बेहतर रहने की उम्मीद है। इसलिए उच्च रिटर्न को देखते हुए चांदी में निवेश अब भी बेहतर जान पड़ता है।’’

चांदी के भाव में तेजी के कारणों के बारे में पूछे जाने पर माथुर ने कहा, ‘‘इस साल कीमती धातु के रूप में चांदी की कीमत लगातार ऊपर चढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण अमेरिका की अनिश्चित व्यापार नीतियां हैं। इससे इस साल सुरक्षित निवेश के रूप में सफेद धातु में प्रवाह देखा जा रहा है। औद्योगिक मांग बनी रहने के साथ अमेरिका में प्रमुख ब्याज दर के 2025 में नीचे आने की संभावना के साथ चांदी की बुनियाद मजबूत बनी हुई है। इसलिए इस साल चांदी जैसी सुरक्षित निवेश परिसंपत्तियों की ओर रुझान भी बढ़ रहा है।’’

कलंत्री ने कहा, ‘‘चांदी की कीमत में तेजी के कारणों में अमेरिका में ब्याज दर में गिरावट शामिल है, जिसने कीमती धातुओं को निवेश के लिहाज से अधिक आकर्षक बना दिया है। इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में नीतिगत अनिश्चितताओं के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर जारी तनाव में वृद्धि जैसे कारक भी इसके दाम में तेजी ला रहे हैं। इसके साथ यह लगातार दूसरा वर्ष है जब चांदी की औद्योगिक मांग मजबूत बनी हुई है और यह आभूषण खरीद में गिरावट की भरपाई कर रही है।’’

यह पूछे जाने पर कि निवेशकों के लिए सोने और चांदी में क्या बेहतर है, माथुर ने कहा, ‘‘सोने की तुलना में चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक होता है, क्योंकि यह एक औद्योगिक धातु के रूप में कार्य करने के साथ-साथ निवेश परिसंपत्ति के रूप में भी आकर्षक है। यह इस तथ्य से भी स्पष्ट है कि चांदी ने पिछले 15 वर्षों में सात बार नकारात्मक रिटर्न दिया है, जबकि सोने ने इसी अवधि में केवल तीन बार नकारात्मक रिटर्न दिया है। इसलिए एक दीर्घकालिक ‘कंजर्वेटिव’ निवेशक के लिए 70:30 (70 प्रतिशत राशि सोने में और 30 प्रतिशत चांदी में) या फिर एक आक्रामक निवेशक के लिए 60:40 का आवंटन आदर्श और बेहतर माना जाता है।’’

मेहता इक्विटीज के कलंत्री ने कहा, ‘‘सोना, चांदी की तुलना में अधिक स्थिर है और इसमें उतार-चढ़ाव कम होता है। साथ ही आर्थिक संकट, मंदी और मुद्रास्फीति के दौरान यह अच्छा प्रदर्शन करता है। लेकिन चांदी, सोने की तुलना में अधिक किफायती है, जिससे छोटे निवेशकों के लिए इसे खरीदना आसान हो जाता है। मूल्य में उतार-चढ़ाव अल्पकालिक लाभ के अवसर प्रदान करता है। इसके साथ औद्योगिक मांग (सौर पैनल, ईवी, इलेक्ट्रॉनिक्स) भविष्य की कीमत वृद्धि को बढ़ावा दे सकती है।’’

एक अन्य सवाल के जवाब में माथुर ने कहा, ‘‘चांदी में निवेश विकल्पों के संदर्भ में, भौतिक चांदी और चांदी ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) प्रमुख विकल्प बनकर उभरे हैं। हालांकि, चांदी को भौतिक रूप में खरीदने पर भंडारण लागत के साथ-साथ लेनदेन पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) और अन्य कर भी लगते हैं, जबकि ईटीएफ चांदी में निवेश कागज रहित होता है। यह शुद्ध चांदी की कीमतों को भी ‘ट्रैक’ करता है और अनुकूल कराधान संरचना के साथ उच्च रिटर्न प्रदान करता है। इसलिए कुल मिलाकर ईटीएफ सभी विकल्पों में से एक व्यावहारिक निवेश विकल्प है।

कलंत्री ने भी कहा, ‘‘चांदी में निवेश करते समय, भौतिक चांदी (सिक्के), चांदी ईटीएफ या चांदी म्यूचुअल फंड के बीच का चुनाव नकदी, सुरक्षा, लागत और निवेश लक्ष्यों जैसे कारकों पर निर्भर करता है। मेरा मानना है कि अल्पकाल से मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए, उच्च तरलता (नकदी), लागत-दक्षता और ट्रेडिंग में आसानी के कारण चांदी ईटीएफ बेहतर है।’’

भाषा रमण

अजय

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