मुंबई, 19 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर हिंसा के दोषियों को कड़ी चेतावनी देते हुए बुधवार को कहा कि पुलिस पर हमला करने वालों को ‘‘कब्र से भी खोदकर निकाला जाएगा’’ और कानून के सामने पेश किया जाएगा।
फडणवीस की यह प्रतिक्रिया सोमवार रात को हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों द्वारा एक महिला कांस्टेबल को कथित रूप से अनुचित तरीके से छूने और उसके कपड़े उतारने की कोशिश करने पर उत्पन्न आक्रोश के बीच आयी है।
नागपुर में हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिसमें उपायुक्त (डीसीपी) रैंक के तीन अधिकारियों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हो गए।
फडणवीस ने विधानसभा में गृह विभाग की बजटीय मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘नागपुर में आगजनी के दौरान पुलिस पर हमला करने वालों को उनकी कब्रों से खोदकर निकाल लाया जाएगा। पुलिस पर हमले अक्षम्य हैं। उन्हें सख्त सजा मिलेगी। हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।’’
उन्होंने दोहराया कि हिंसा और आगजनी सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से पूर्वनियोजित थी।
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि उनका बयान नागपुर पुलिस आयुक्त के बयान से विरोधाभासी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘नागपुर पुलिस आयुक्त ने कहा है कि जांच से यह पता चलेगा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी या नहीं। मैंने कोई विरोधाभासी बात नहीं कही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागपुर शहर में स्थिति अब शांतिपूर्ण है। नागपुर के ही रहने वाले फडणवीस ने कहा कि यह शहर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘1992 के बाद शहर में कोई दंगा नहीं हुआ। हिंसा की साजिश कुछ लोगों ने रची थी। केवल औरंगजेब की कब्र की प्रतिकृति जलाई गई (विहिप के विरोध प्रदर्शन के दौरान)। हमने पुष्टि की है कि (कुरान की) कोई आयत नहीं जलाई गई। लेकिन जानबूझकर अफवाहें फैलाई गईं।’’
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों ने जानबूझकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ऐसी अफवाहें फैलाईं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
मध्य नागपुर के इलाकों में सोमवार रात को भीड़ ने उत्पात मचाया, वाहन क्षतिग्रस्त किये, पुलिस पर पेट्रोल बम और पत्थर फेंके तथा घरों पर हमला किया।
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र ‘आयते’ वाली चादर को जलाए जाने की अफवाह, प्रथम दृष्टया हिंसा का कारण प्रतीत होती है।
मामले में दर्ज एक प्राथमिकी के मुताबिक हिंसा के दौरान कुछ दंगाइयों ने एक महिला कांस्टेबल को कथित तौर पर अनुचित तरीके से छुआ और उसके कपड़े उतारने की कोशिश की।
भाषा धीरज अमित
अमित