नागपुर, 18 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के मध्य नागपुर के दंगा प्रभावित इलाकों में पुलिस आयुक्त के नेतृत्व में दल ने मंगलवार को ‘रूट मार्च’ किया।
पुलिस आयुक्त रविन्द्र सिंघल ने बताया कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘‘कुछ लोगों’’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया।
उन्होंने सोमवार को हुई हिंसा का केंद्र रहे चिटनिस पार्क चौक से लेकर भालदारपुरा चौक, अग्रसेन चौक, सेवा सदन चौक और गीतांजलि टॉकीज चौक होते हुए हंसपुरी रोड तक रूट मार्च का नेतृत्व किया। हंसपुरी रोड में कल रात एक और झड़प हुई थी।
तीन किलोमीटर के दायरे में फैले हुए इन सभी इलाकों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
सिंघल ने बताया कि किसी इलाके में तनावपूर्ण या दंगे जैसी स्थिति में लोगों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए इस तरह के मार्च निकाले जाते हैं।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ‘‘रूट मार्च निकालने का मुख्य उद्देश्य यह समझना होता है कि कहीं हिंसा दोहराने की कोई साजिश तो नहीं रची जा रही है। रूट मार्च से क्षेत्र पर नियंत्रण सुनिश्चित होता है ताकि लोगों का विश्वास न टूटे और उन्हें पता चले कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।’’
सिंघल ने कहा कि पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा कैसे शुरू हुई और ‘कुछ लोगों’ ने अचानक इसे कैसे भड़काया।
उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल (अफवाह फैलाने के लिए) किया गया था।’’
सिंघल ने बताया कि कर्फ्यू फिलहाल लागू रहेगा और इसमें ढील देने का फैसला स्थिति पर निर्भर करेगा।
भाषा
प्रीति प्रशांत
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