(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 27 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल में एक प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित दुष्कर्म व उसकी हत्या के विरोध में राज्य सचिवालय ‘नबान्न’ तक प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के प्रयासों के दौरान मंगलवार दोपहर कई स्थानों पर पुलिस के साथ उनकी झड़पें हुईं तथा कोलकाता और हावड़ा की सड़कों पर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई।
लगभग चार घंटे तक हिंसा हुई, जिसमें दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए, जिनमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और महिला प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं।
पुलिस ने बताया कि राज्यभर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर पुलिस पर पथराव किया और कांच की बोतलें फेंकी, जहां उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) आगे बढ़ने से रोका गया।
पुलिस ने बताया कि झड़पों में कोलकाता पुलिस के 15 और राज्य पुलिस बल के 14 जवान घायल हुए हैं।
पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़े पैमाने पर लाठीचार्ज किया, पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे।
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि 17 महिलाओं सहित 160 से अधिक प्रदर्शनकारी पुलिस कार्रवाई में घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को 12 घंटे के ‘‘बंगाल बंद’’ का आह्वान किया है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस से राज्य में ‘‘राष्ट्रपति शासन लागू करने’’ का आग्रह किया।
‘नबान्न अभियान’ का आह्वान अपंजीकृत छात्र संगठन पश्चिम बंग छात्र समाज और संग्रामी जौथा मंच द्वारा अलग-अलग किया गया था। उन्होंने प्रशिक्षु डॉक्टर से कथित दुष्कर्म व उसकी हत्या को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। यह घटना नौ अगस्त को हुई थी।
संग्रामी जौथा मंच राज्य सरकार के कर्मचारियों का संगठन है जो अपने महंगाई भत्ते को केंद्र सरकार के समकक्षों के बराबर करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस सरकार ने लोगों से भाजपा की सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक की आम हड़ताल का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलपन बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘‘सरकार बुधवार को किसी भी बंद की अनुमति नहीं देगी। हम लोगों से इसमें भाग न लेने का आग्रह करते हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे कि जनजीवन प्रभावित न हो।’’
इसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी की, जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कार्यालय खुले रहेंगे और सभी कर्मचारियों को, आपातकालीन स्थिति वाले या छुट्टी पर गए कर्मचारियों को छोड़कर, 28 अगस्त को ड्यूटी पर आना होगा, अन्यथा उन्हें अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए कारण बताओ नोटिस मिलेगा।
बंगाल पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के कई फैसलों का हवाला दिया, जिनमें राजनीतिक दलों द्वारा आहूत बंद को ‘‘अवैध’’ बताया गया है।
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ‘‘कल बंगाल में कोई बंद नहीं होगा।’’ उन्होंने दावा किया कि आम हड़ताल का आह्वान इसलिए किया गया है कि सड़कों पर उपद्रव ने भाजपा को बेनकाब कर दिया और राज्य में राजनीतिक षडयंत्र रचने की उसकी साजिश को उजागर कर दिया।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार ने पुष्टि की कि राज्य सचिवालय रैली से पहले सोमवार रात राज्यभर से 25 लोगों को एहतियाती उपाय के तौर पर गिरफ्तार किया गया।
एडीजी ने कहा, ‘‘हमारे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ये बदमाश रैली में आग्नेयास्त्रों और बमों का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे थे। अगर ये एहतियाती गिरफ्तारियां नहीं की जातीं तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी।’’
कोलकाता पुलिस सूत्रों के अनुसार, रैली के आयोजकों में से एक पश्चिम बंग छात्र समाज के 126 सदस्यों और समर्थकों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 33 महिलाएं हैं।
पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा बलों ने ‘‘अत्यंत संयम बरता और आंदोलनकारियों के उकसावे में नहीं आए।’’
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) ने मनोज वर्मा ने ‘नबान्न’ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुलिस ने केवल ऐसी कार्रवाई ही की, जो प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रदर्शित आक्रामकता के मद्देनजर आवश्यक थी।’’
एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘हमें पुलिस ने क्यों पीटा? हमने कोई कानून नहीं तोड़ा। हम डॉक्टर (मृतका) के लिए न्याय की मांग करने को लेकर शांतिपूर्ण रैली कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।’’
बाद में, पुलिस ने फिर से आंसूगैस का इस्तेमाल किया और भाजपा नेताओं और समर्थकों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया, जब वे ‘नबान्न अभियान’ रैली के दौरान गिरफ्तार छात्रों की रिहाई की मांग करते हुए लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय की ओर मार्च कर रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई तब शुरू हुई जब भाजपा समर्थकों ने लालबाजार में प्रवेश करने के लिए पुलिस अवरोधकों को गिराने का प्रयास किया।
हंगामे और हाथापाई के दौरान, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार समेत कई पार्टी नेता बीमार पड़ गए और पुलिस ने उन्हें वहां से हटा दिया।
इससे पहले, मजूमदार स्थानीय भाजपा नेताओं के साथ शाम करीब साढ़े चार बजे अवरोधकों के पास धरने पर बैठ गए और मांग की कि पुलिस गिरफ्तारियों पर अपना रुख स्पष्ट करे। उन्होंने नबान्न अभियान के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्रों की बिना शर्त रिहाई की मांग की।
प्रदेश भाजपा ने प्रदर्शनकारियों पर मंगलवार को पुलिस कार्रवाई के बाद चिकित्सा और कानूनी सहायता की आवश्यकता वाले लोगों के लिए एक ‘‘हेल्पलाइन नंबर’’ उपलब्ध कराया है।
कोलकाता में हावड़ा ब्रिज के हेस्टिंग्स, महात्मा गांधी रोड और स्ट्रैंड रोड एंट्री पॉइंट के साथ-साथ फोरशोर रोड, हावड़ा मैदान, कोना एक्सप्रेसवे और हावड़ा में संतरागाछी स्टेशन परिसर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी झड़पें हुईं।
बाबूघाट रिवर फ्रंट के पास प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की और एक पुलिस दोपहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का एक वर्ग पुलिस अवरोधकों को गिराते हुए नबन्ना के काफी नजदीक पहुंचने में कामयाब रहा और न्याय के लिए नारे लगाते हुए सशस्त्र पुलिस के सामने खड़ा हो गया।
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बल का प्रयोग किया।
वरिष्ठ मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘पुलिस ने एक शव को ले जाने की उनकी साजिश को नाकाम कर दिया। यही कारण है कि भाजपा ने दुर्गा पूजा उत्सव से पहले, बंगाल की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को पंगु करने के लिए कल हड़ताल का आह्वान किया है।’’
भाषा सुभाष पवनेश
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