नए संसद भवन में पहली बार हुआ इलेक्ट्रॉनिक मत विभाजन, 369 सांसदों ने किया मशीन का उपयोग

Ankit
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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक पर निचले सदन में मत विभाजन के दौरान सदस्यों ने नए संसद भवन में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से वोट डाले।


सूत्रों का कहना है कि कुल 369 सांसदों ने अपने मत मशीन के माध्यम से दर्ज किए, जबकि शेष 92 मत पर्चियों के माध्यम से डाले गए।

उन्होंने यह भी बताया कि पर्चियों से डाले गए मतों में से 43 पक्ष में और 49 विरोध में थे।

यह पहला अवसर था जब लोकसभा के नये कक्ष में स्वचालित मत रिकॉर्डिंग मशीन का उपयोग किया गया।

उधर, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग विफल रही और कई वोटों की गिनती नहीं हुई।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मजेदार बात यह है कि 129वें संविधान संशोधन विधेयक को पेश किए जाने पर मतदान के दौरान संसद में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग विफल रही। कई वोटों की गिनती नहीं हुई। यह पर्ची वाले ही वोट थे जिसने अंत में सटीक मिलान दर्शाया।’

सरकार ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक और उसी से जुड़ा दूसरा विधेयक भी विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच मंगलवार को निचले सदन में पेश किया।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को निचले सदन में पुर:स्थापित करने के लिए रखा, जिनका विपक्षी दलों ने पुरजोर विरोध किया।

सदन में मत विभाजन के बाद संविधान संशोधन विधेयक को पुर:स्थापित कर दिया गया। विधेयक को पेश किए जाने के पक्ष में 269 वोट, जबकि विरोध में 198 वोट पड़े।

इसके बाद मेघवाल ने ध्वनिमत से मिली सदन की सहमति के उपरांत ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ को भी पेश किया।

भाषा हक

सुरेश

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