नई नीति के साथ मध्यप्रदेश ड्रोन निर्माण का केंद्र बनने की ओर अग्रसर |

Ankit
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भोपाल, पांच फरवरी (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में ड्रोन के निर्माण को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि, लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा और शासन जैसे क्षेत्रों में उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई ड्रोन नीति तैयार की है।


अधिकारियों ने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अपनी बैठक में मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन और उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दे दी।

यह नीति ड्रोन निर्माण, असेंबली और रखरखाव को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। यह निर्माताओं को अनुदान और कर प्रोत्साहन जैसे लाभ प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य मध्यप्रदेश को ड्रोन उत्पादन और सेवाओं का केंद्र बनाना है।

यह नए निवेश के लिए 30 करोड़ रुपये की सीमा के साथ 40 प्रतिशत पूंजी निवेश अनुदान प्रदान करता है। साथ ही तीन साल के लिए लीज रेंट पर 25 प्रतिशत अनुदान, अधिकतम पांच लाख रुपये सालाना प्रदान करता है। पहचाने गए क्षेत्रों में दो करोड़ रुपये का शोध एवं विकास अनुदान प्रदान किया जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना (एमएमएसकेवाई) के तहत छह महीने तक 8,000 रुपये प्रति माह का प्रोत्साहन दिया जाता है। साथ ही, औद्योगिक उपयोग को पट्टे पर दी गई भूमि के लिए 100 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क छूट दी जाती है, तथा नीति अवधि के दौरान परीक्षण, अंशांकन और प्रमाणन के लिए पूंजीगत सहायता के लिए अधिकतम 20 लाख रुपये प्रति वर्ष के साथ पांच लाख रुपये तक का प्रावधान किया जाता है। पेटेंट दाखिल करने को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू पेटेंट को पांच लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए 10 लाख रुपये या वास्तविक लागत राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। 50 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करने वाली बड़े स्तर की इकाइयां बढ़ी हुई प्रोत्साहन राशि के लिए पात्र होंगी।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार अगले पांच वर्षों में इस क्षेत्र में 370 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने की उम्मीद कर रही है। इससे 8,000 नए रोजगार (2,200 प्रत्यक्ष और 6,600 अप्रत्यक्ष) सृजित होंगे। वैश्विक ड्रोन बाजार 2022 के 71 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2030 तक 144 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जबकि भारतीय बाजार वर्तमान के 2.71 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 तक 13 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।

ड्रोन का उपयोग कृषि, रक्षा और सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में किया जाता है।

90 प्रतिशत भारतीय हवाई क्षेत्र को ड्रोन संचालन के लिए ‘हरित क्षेत्र’ के रूप में नामित किया गया है, उनके उपयोग से शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और बेहतर सेवा वितरण हो सकता है।

मध्यप्रदेश दक्षता में सुधार, लागत कम करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन तकनीक का लाभ उठाना चाहता है, जिससे राज्य मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) उद्योग में अग्रणी खिलाड़ी बन जाएगा।

फसल निगरानी, ​​कीटनाशकों, उर्वरकों के छिड़काव और डेटा संग्रह में सुधार के लिए सटीक कृषि में ड्रोन का उपयोग किया जा सकता है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होगी।

ड्रोन का उपयोग निगरानी बढ़ाने, बुनियादी ढांचे की निगरानी और कानून प्रवर्तन के लिए भी किया जा सकता है। इसमें यातायात निगरानी, ​​आपदा प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन के लिए इसका उपयोग करना शामिल है।

मध्यप्रदेश आपात स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया के लिए सार्वजनिक सुरक्षा ढांचे में ड्रोन को एकीकृत करने की योजना बना रहा है।

भाषा दिमो

रवि कांत अजय

अजय



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