धनंजय मुंडे ने अपनी पत्नी के साथ प्रथम दृष्टया घरेलू हिंसा की : अदालत |

Ankit
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मुंबई, छह फरवरी (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने कहा है कि राकांपा नेता और महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे ने अपनी पहली पत्नी के साथ ‘‘प्रथम दृष्टया’’ घरेलू हिंसा की और उसने मुंडे को अलग रह रही पत्नी और बेटी को दो लाख रुपये प्रति माह अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।


इस सप्ताह की शुरुआत में बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने मुंडे की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया था कि वे शादीशुदा नहीं हैं।

मंत्री की वकील सयाली सावंत ने स्पष्ट किया कि मुंडे की पहली पत्नी ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था और अदालत ने अभी तक मुख्य याचिका के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है।

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पहली पत्नी से दो बच्चे हैं।

गौरतलब है कि मुंडे इस समय बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।

मुंडे भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं और विपक्ष उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रहा है।

मुंडे के दो बच्चों की मां करुणा शर्मा ने मामले के लंबित रहने के दौरान घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत अंतरिम भरण-पोषण और मुआवजे को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया।

बांद्रा की पारिवारिक अदालत ने मंगलवार को मुंडे को अंतरिम गुजारे भत्ते के रूप में महिला को 1,25,000 रुपये प्रति माह और उनकी बेटी को 75,000 रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया।

हालांकि, अदालत ने उनके दूसरे बच्चे के लिए कोई राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि पुत्र होने के नाते वह गुजारा भत्ते का हकदार नहीं है क्योंकि वह वयस्क हो गया है।

दोनों के बीच संबंधों पर, अदालत ने कहा कि मुंडे ने 2017 में एक ‘वसीयतनामा’ किया था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि महिला उनकी पहली पत्नी है।

वर्तमान मामले में, मंत्री ने सभी आरोपों और यहां तक ​​कि करुणा के साथ संबंधों से भी इनकार किया है। मंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि घरेलू हिंसा की कथित घटनाओं का कोई विवरण नहीं दिया गया।

अदालत ने कहा कि अपने चुनावी हलफनामे में मुंडे ने करुणा के साथ अपने दो बच्चों के नाम का अपने ‘‘आश्रितों’’ के रूप में उल्लेख किया है।

अदालत ने कहा, ‘‘मौजूदा कार्यवाही में यह दलील दी गई है कि उन्होंने आवेदक से कभी शादी नहीं की। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी आवेदक के वैवाहिक अधिकारों से इनकार कर रहा है, जो घरेलू हिंसा के समान है।’’

अदालत के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार, दंपति 2020 से अलग रह रहे थे।

करुणा शर्मा के अनुसार, उन्होंने नौ जनवरी 1998 को धनंजय मुंडे से शादी की थी।

उन्होंने दावा किया कि यह एक अंतरजातीय प्रेम विवाह था और शादी के बाद दंपति मुंबई जाने से पहले इंदौर में रहे।

करुणा ने आरोप लगाया कि 2018 तक रिश्ता ठीक-ठाक था, लेकिन बाद में मुंडे के व्यवहार में अचानक बदलाव आया और उन्होंने याचिकाकर्ता और उनके बच्चों की उपेक्षा करना शुरू कर दिया।

मुंडे की वकील सावंत ने दावा किया कि मीडिया में आई कुछ खबरों में मामले को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अदालत राकांपा नेता के खिलाफ घरेलू हिंसा मामले में किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।

सावंत ने कहा कि अंतरिम गुजारे भत्ते का आदेश वित्तीय कारणों के आधार पर दिया गया है।

इस बीच, मंत्री की अलग रह रही पत्नी करुणा शर्मा ने कहा कि वह पारिवारिक अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी, क्योंकि वह दो लाख रुपये के अंतरिम गुजारा भत्ते से संतुष्ट नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे करुणा मुंडे कहा जाना चाहिए, क्योंकि न्यायालय ने मुझे धनंजय मुंडे की पहली पत्नी के रूप में माना है। मैंने 15 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन न्यायालय ने केवल दो लाख रुपये की अनुमति दी है। इस राशि में मुंबई जैसे शहर में गुजारा नहीं हो सकता, इसलिए मैं उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाऊंगी।’’

अपने बेटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मुंडे परिवार का इकलौता बेटा घर पर बेरोजगार बैठा है। वाल्मिक कराड, जो नौकर था, के पास 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, लेकिन मुंडे परिवार के बेटे के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है।’’

इस घटनाक्रम के बीच मुंडे के पुत्र ने उनका बचाव किया।

दंपत्ति के बेटे सीशिव मुंडे ने आज एक संदेश जारी कर कहा कि खाद्य मंत्री भले ही उनकी मां के साथ सख्ती से पेश आए हों, लेकिन अपने बच्चों के साथ कभी कठोर व्यवहार नहीं किया।

सीशिव ने अपनी मां पर उन्हें और उनकी बहन को परेशान करने का भी आरोप लगाया।

हालांकि, करुणा ने कहा कि मंत्री शिशिव पर दबाव डाल रहे हैं। करुणा ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि पिता और पुत्र नहीं चाहते कि वह मीडिया से बात करें, क्योंकि वे इस प्रकरण को उत्पीड़न के रूप में देखते हैं।

मां द्वारा परेशान किये जाने के शिशिव के दावे को लेकर करुणा ने कहा कि धनंजय मुंडे के साथ उनके तनावपूर्ण संबंधों के कारण बच्चों को नुकसान उठाना पड़ा है।

उन्होंने दावा किया, ‘‘मेरे बेटे को बयान जारी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। धनंजय मुंडे राज्य के मंत्री हैं। मेरे बच्चे जेल नहीं जाना चाहते या झूठे मामलों में फंसना नहीं चाहते।’’

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश



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