(के जे एम वर्मा)
बीजिंग, 22 मार्च (भाषा) चीन की राजधानी बीजिंग में राजनयिक परिसर शनिवार को तीसरे वसंत मेले में 4000 से अधिक चीनियों के पहुंचने के साथ ही जीवंत हो उठा। यह चीन-भारत संबंधों में एक ‘‘नई शुरुआत’’ का संकेत है क्योंकि दोनों देश चार साल के तनाव को दूर करते हुए रिश्ते को सामान्य बनाने में जुटे हैं।
यहां भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित इस मेले में भारतीय सांस्कृतिक परिदृश्य नजर आया। उसमें विभिन्न भारतीय नृत्य प्रस्तुत किए गए और भारतीय लजीज व्यंजन भी उपलब्ध थे। विभिन्न प्रकार के भारतीय नृत्य प्रस्तुत करने वालों में अधिकतर चीनी उत्साही लोग थे जो विविध भारतीय कलाओं में प्रशिक्षित थे।
इस वर्ष मेले में भारत-चीन सौहार्द की झलक देखने को मिली। चीनी विदेश मंत्रालय अधिकारी लियू जिनसोंग ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
लियू और वहां उपस्थित विशाल चीनी जनसमूह का स्वागत करते हुए चीन में भारत के राजदूत प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि वसंत ऋतु “नयी शुरुआत, संबंधों को मजबूत करने और भारत के सार को अनुभव करने का अवसर” है।
इस वर्ष मेला भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर चार साल से संबंधों में चल रहे खटास को समाप्त करने की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया है।
पिछले साल अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बैठक से इस खटास को दूर करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
इस बैठक के बाद विभिन्न स्तरों पर उच्च स्तरीय वार्ता हुई, जिससे दोनों विशाल पड़ोसियों के बीच बिगड़े संबंधों में नई शुरुआत शुरू हुई।
शनिवार के कार्यक्रम में रावत ने अपनी पत्नी श्रुति रावत, उपराजदूत अभिषेक शुक्ला और वरिष्ठ भारतीय राजनयिकों के साथ आगंतुकों का अभिवादन किया और उनसे बातचीत की।
भाषा राजकुमार माधव रंजन
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