नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि देश में उभरते उद्यमियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों से अगले 10 वर्ष में सरकार द्वारा पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या बढ़कर 10 लाख होने की उम्मीद है।
देश में वर्तमान में 1.57 लाख पंजीकृत स्टार्टअप हैं, जबकि 2016 में इनकी संख्या 450 थी। सरकार ने नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए देश में एक मजबूत परिवेश बनाने के इरादे से 16 जनवरी 2016 को स्टार्टअप इंडिया पहल शुरू की थी।
सरकार की पात्रता शर्तों के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत इकाइयों को ‘स्टार्टअप’ के रूप में मान्यता दी जाती है। ये इकाइयां स्टार्टअप इंडिया कार्य योजना के तहत कर तथा गैर-कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
गोयल ने यहां भारत-इज़राइल व्यापार मंच की बैठक में कहा, ‘‘ हमारे पास दुनिया में तीसरा सबसे बड़े स्टार्टअप परिवेश है, जहां पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या नौ वर्षों में 450 से बढ़कर आज 1.57 लाख हो गई है। अगले 10 वर्षों में, हम इसे 10 लाख तक ले जाने की उम्मीद करते हैं।’’
मंत्री ने कहा कि यहां कंपनियों के लिए बड़े कारोबारी अवसर मौजूद हैं।
भारत 1.4 अरब लोगों का विशाल घरेलू बाजार प्रदान करता है।
इज़राइल के अर्थव्यवस्था एवं उद्योग मंत्री नीर एम. बरकत के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय इज़राइली व्यापार प्रतिनिधिमंडल, भारत-इज़राइल व्यापार मंच और भारत-इजराइल सीईओ मंच की बैठकों के लिए यहां आया हुआ है। दोनों पक्ष दोनों देशों के बीच व्यापार व निवेश को और बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं। वे आर्थिक सहयोग, प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश के अवसरों के नए रास्ते तलाश रहे हैं।
प्रतिनिधिमंडल में इज़राइली उद्यम व प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, कृषि प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा, जल प्रबंधन, रसद व खुदरा जैसे क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
भारत में इज़राइली निवेश बढ़ रहा है, विभिन्न इज़राइली कंपनियां अक्षय ऊर्जा, जल प्रौद्योगिकी, रक्षा व विनिर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। इसी तरह, भारतीय कंपनियों ने इज़राइल में महत्वपूर्ण प्रगति की है, खासकर औषधि, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में।
भारत और इज़राइल के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2023-24 में घटकर 6.53 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया था जो 2022-23 में 10.77 अरब अमेरिकी डॉलर था। भारत को अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 की अवधि के दौरान इज़राइल से 32.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ।
भाषा निहारिका नरेश
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