देश गर्मियों में 270 गीगावाट बिजली की मांग को पूरा करने के लिए तैयार: सीईए चेयरमैन |

Ankit
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नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के चेयरमैन घनश्याम प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि देश इन गर्मियों में 270 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इसके लिए कदम उठाये जा रहे हैं जिसमें 17 गीगावाट आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को अप्रैल तक पूरी क्षमता से चलाने को अनिवार्य करना शामिल है।


इसके अलावा, जलविद्युत परियोजनाओं से मांग में अचानक वृद्धि को पूरा करने के लिए जल संरक्षण करने के साथ गैस आधारित बिजली घरों से 10 गीगावाट से 12 गीगावाट बिजली होगी।

बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला सांविधिक निकाय केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘लाइनमैन दिवस’ के मौके पर प्रसाद ने पीटीआई-भाषा से अलग से बातचीत में कहा, ‘‘हम गर्मियों में 270 गीगावाट की अधिकतम मांग की उम्मीद कर रहे हैं। मांग को पूरा करने के लिए सभी कदम उठाये गये हैं।’’

उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से लगभग 32 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) की नई क्षमता जोड़ी गई है।

सीईए के चेयरमैन ने कहा, ‘‘सरकार मांग को पूरा करने के लिए अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करेगी। खासकर अप्रैल, मई, जून और सितंबर-अक्टूबर में सभी कमियों को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। बिजली की मांग के लिहाज से ये महीने महत्वपूर्ण हैं।’’

उन्होंने कहा कि आयातित कोयले पर आधारित बिजली घरों को अप्रैल तक दो और महीनों के लिए पूरी क्षमता से चलाने की अनुमति दी गयी है।

प्रसाद ने कहा, ‘‘इस साल भी हम गैस आधारित संयंत्रों से 10 गीगावाट से 12 गीगावाट बिजली ले रहे हैं। हम गैस आधारित बिजली घरों से 1,800 मेगावाट के लिए गठजोड़ करने की भी प्रक्रिया में हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस साल हमारे यहां अच्छा हिमपात हुआ है और हमें जलविद्युत संयंत्रों से बेहतर बिजली उत्पादन की उम्मीद है। इस बार घरेलू कोयले की स्थिति पिछले साल की तुलना में बहुत अच्छी है।’’

बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) गजानन एस काले ने कहा कि बिजली क्षेत्र देश के ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लाइनमैन और ‘फ्रंटलाइन’ कार्यबल आर्थिक, औद्योगिक और सामाजिक विकास के पीछे प्रेरक शक्ति हैं।’’

उन्होंने कहा कि लाइनमैन दिवस न केवल कर्मचारियों के योगदान का सम्मान करता है, बल्कि उनकी आवाज को बढ़ाने, उनकी चुनौतियों को साझा करने और उनकी अमूल्य भूमिका को पहचानने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है।

सीईओ ने कहा, ‘‘उनकी सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। हम अधिक से अधिक संबंधित पक्षों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह करते हैं, जिससे यह उनके समर्पण और सेवा का सच्चा उत्सव बन सके।’’

लाइनमैन दिवस देश के बिजली क्षेत्र की रीढ़ लाइनमैन और बिजली रखरखाव के कार्यों से जुड़े कर्मचारियों के अमूल्य योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है।

इस मौके पर आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के 45 से अधिक बिजली वितरण, उत्पादन और पारेषण कंपनियों के 160 से अधिक लाइनमैन कर्मचारियों ने निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखने में अपने अनुभव, चुनौतियों और महत्वपूर्ण क्षणों को साझा किया।

भाषा रमण अजय

अजय



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