देश की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता 14 प्रतिशत बढ़कर 213.70 गीगावाट पर पहुंची

Ankit
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नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) देश में स्वच्छ ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता इस साल नवंबर तक बढ़कर 213.70 गीगावाट हो गई है, जो पिछले साल की समान अवधि में मौजूद 187.05 गीगावाट क्षमता से 14.2 प्रतिशत है।


नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने बुधवार को बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-नवंबर अवधि में कुल 14.94 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी गई जो एक साल पहले की समान अवधि में जोड़ी गई 7.54 गीगावाट क्षमता से लगभग दोगुनी है।

नवंबर, 2024 में 2.3 गीगावाट क्षमता जोड़ी गई। यह नवंबर, 2023 में जोड़ी गई 566.06 मेगावाट का चार गुना है।

बयान के मुताबिक, देश की स्वच्छ ऊर्जा क्षमता (स्थापित और निर्माणाधीन दोनों) नवंबर, 2024 तक 28.5 प्रतिशत बढ़कर 472.90 गीगावाट हो गई, जो एक साल पहले 368.15 गीगावाट थी।

इसमें सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता के साथ अग्रणी बनी रही, जो 2023 में 72.31 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 94.17 गीगावाट हो गई।

वहीं निर्माणाधीन परियोजनाओं को मिलाकर कुल सौर क्षमता 52.7 प्रतिशत बढ़कर 261.15 गीगावाट हो गई।

इस अवधि में स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 7.6 प्रतिशत बढ़कर 47.96 गीगावाट हो गई। निर्माणाधीन परियोजनाओं को मिलाकर कुल पवन ऊर्जा क्षमता 17.4 प्रतिशत बढ़कर 74.44 गीगावाट हो गई।

परमाणु ऊर्जा के मामले में स्थापित क्षमता 2023 के 7.48 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 8.18 गीगावाट हो गई, जबकि निर्माणाधीन परियोजनाओं समेत कुल क्षमता 22.48 गीगावाट हो गई।

देश की जैव-ऊर्जा क्षमता भी 4.6 प्रतिशत बढ़कर 11.34 गीगावाट हो गई, जो 2023 में 10.84 गीगावाट थी।

छोटी पनबिजली परियोजनाओं की क्षमता 4.99 गीगावाट से मामूली रूप से बढ़कर 5.08 गीगावाट हो गई। वहीं निर्माणाधीन परियोजनाओं के साथ इसकी कुल क्षमता 5.54 गीगावाट तक पहुंच गई।

बड़ी पनबिजली परियोजनाओं की क्षमता बढ़कर 2024 में 46.97 गीगावाट हो गई जबकि नवंबर, 2023 तक यह 46.88 गीगावाट थी। निर्माणाधीन परियोजनाओं सहित कुल क्षमता 64.85 गीगावाट से बढ़कर 67.02 गीगावाट हो गई।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय



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