नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) बिहार की कला, संस्कृति और परंपराओं की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करने के लिए बिहार उत्सव-2025 का आयोजन 16 मार्च से 31 मार्च तक नयी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में किया जा रहा है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
इसमें बिहार के कारीगर, बुनकर और हस्तशिल्प विशेषज्ञों ने अपनी अनूठी कृतियां पेश की हैं।
बयान के अनुसार, इसमें 22 मार्च को बिहार दिवस के अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जहां आगंतुक बिहार की सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए जीवंत लोक संगीत और नृत्य का आनंद ले सकेंगे।
उत्सव का उद्घाटन बिहार भवन के स्थानिक आयुक्त कुंदन कुमार ने किया। इस दौरान, मुख्य अतिथि के रूप में तकनीकी विकास निदेशक शेखर आनंद मौजूद रहे।
इस मौके पर कुंदन कुमार ने कहा, “बिहार उत्सव सिर्फ़ राज्य की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि यह देश भर के लोगों को बिहार की अनूठी विरासत से जोड़ने का मंच भी है। उम्मीद है कि यह उत्सव आगंतुकों को बिहार की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को प्रत्यक्ष रूप से जानने के लिए प्रेरित करेगा।”
इस महोत्सव में बिहार के प्रसिद्ध रेशम, खादी वस्त्र, मधुबनी चित्रकला, टिकुली और मंजूषा कला, सुजनी कढ़ाई, सिक्की शिल्प और आकर्षक लकड़ी और बांस के उत्पादों की विस्तृत प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा, आगंतुक विभिन्न खाद्य स्टॉलों पर प्रामाणिक बिहारी व्यंजनों का स्वाद भी ले सकेंगे।
बिहार उत्सव, बिहार सरकार द्वारा वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है। इसका उद्देश्य राज्य की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपराओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाना है।
भाषा अनुराग अजय
अजय