जम्मू, आठ फरवरी (भाषा) कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई ने शनिवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे खासकर उन लोगों के लिए सबक हैं, जो मानते हैं कि वे भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (भाजपा-आरएसएस) के गठबंधन के खिलाफ अकेले लड़ सकते हैं।
भाजपा ने आम आदमी पार्टी (आप) को पराजित कर दिया और 26 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली में सत्ता में लौटी।
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘दिल्ली का जनादेश ‘आप’ के खिलाफ है। ‘आप’ 10 वर्षों तक सत्ता में रही और अपने वादों को पूरा करने में विफल रही, लेकिन इसका कारण उसकी अति महत्वाकांक्षा और इन चुनावों में अकेले चुनाव लड़कर भाजपा को हराने का अति आत्मविश्वास भी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘आप’ की अवसरवादिता, छल और अति महत्वाकांक्षा की राजनीति के कारण उसकी हार हुई और भाजपा को जीत मिली।’’
उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव के परिणाम सभी के लिए, खासकर उन लोगों के लिए एक सबक है, जो मानते हैं कि वे भाजपा-आरएसएस गठबंधन के खिलाफ अकेले लड़ सकते हैं, अवसरवाद में लिप्त हो सकते हैं या सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ चुनिंदा रूप से लड़ सकते हैं, जिससे भाजपा एवं आरएसएस के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व वाली लड़ाई कमजोर हो सकती है।
शर्मा ने कहा, ‘‘चुनाव परिणामों ने स्पष्ट रूप से स्थापित कर दिया है कि कांग्रेस के बिना भाजपा-आरएसएस गठबंधन के खिलाफ कोई लड़ाई संभव नहीं है, खासकर तब, जब वे (भाजपा) सत्ता में हों और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो), आईटी (आयकर विभाग) और अन्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों जैसी विभिन्न संस्थाओं पर उनका नियंत्रण हो।’’
कांग्रेस नेता ने विश्वास व्यक्त किया कि उनकी पार्टी भाजपा-आरएसएस की राजनीति और विचारधारा के खिलाफ लड़ाई में समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ मिलकर और अधिक मजबूत होकर उभरेगी।
भाषा सिम्मी दिलीप
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