दिल्ली की हवा जहरीली बनी हुई है, एक्यूआई 400 के करीब पहुंचा |

Ankit
3 Min Read


नयी दिल्ली, 22 नवंबर (भाषा) दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) शुक्रवार को 400 के करीब पहुंच गया, जो प्रदूषण के गंभीर स्तर को दर्शाता है।


इस बीच, उच्चतम न्यायालय ने चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना के चौथे चरण (ग्रैप-4) के तहत प्रतिबंधों का सही से क्रियान्वयन नहीं किये जाने पर नाराजगी जताई है।

न्यायालय ने कहा कि ‘ग्रैप-4’ के तहत कड़े प्रतिबंध कम से कम 25 नवंबर तक लागू रहेंगे, जिसके बाद वह इस बात की समीक्षा करेगा कि इन्हें हटाया जाए है या नहीं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार शाम चार बजे शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 393 था, जो एक दिन पहले 371 था।

दिल्ली में कुल 35 निगरानी केंद्रों में से 22 ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी का बताया, जहां एक्यूआई 400 से अधिक था।

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘‘अच्छा’’, 51-100 को ‘‘संतोषजनक’’, 101-200 को ‘‘मध्यम’’, 201-300 को ‘‘खराब’’, 301-400 को ‘‘बहुत खराब’’, 401-450 को ‘‘गंभीर’’ तथा 450 से ऊपर को ‘‘बेहद गंभीर’’ माना जाता है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन की हिस्सेदारी 15.16 प्रतिशत बताई, जबकि पराली जलाने से पीएम2.5 (हवा में मौजूद कण) के स्तर में 17.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो एक अन्य प्रमुख कारण है।

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण संकट के बीच, सीपीसीबी ने उत्तर भारत में सर्दियों के दौरान आपात उपाय के रूप में कृत्रिम बारिश कराने के लिए आवश्यक ‘क्लाउड सीडिंग’ की सीमित व्यवहार्यता को रेखांकित किया है। उसने इसके लिए अपर्याप्त नमी और पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित पहले से मौजूद बादलों पर निर्भरता का हवाला दिया है।

सीपीसीबी ने एक आरटीआई जवाब में जवाब में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की पहल की सफलता के लिए कम से कम 50 प्रतिशत नमी वाले बादलों का पहले से मौजूद होना आवश्यक है।

भाषा

योगेश सुभाष

सुभाष



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *