बेंगलुरु, 31 जुलाई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि सामाजिक या वित्तीय स्थिति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिक और विचाराधीन कैदी पौष्टिक आहार पाने के हकदार हैं।
न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने रेणुकास्वामी हत्या मामले में जेल में बंद कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
थुगुदीपा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने कहा कि अभिनेता को चिकित्सा प्रमाणपत्र के अनुसार पौष्टिक भोजन प्रदान करने की आवश्यकता है।
न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने कहा, “यदि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण विशेष आहार की आवश्यकता है, तो चिकित्सक इसे प्रदान करेंगे। यह केवल दर्शन के लिए नहीं है; प्रत्येक नागरिक या विचाराधीन कैदी को पौष्टिक भोजन का अधिकार है। किसी की स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता।”
भाषा जोहेब नेत्रपाल
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