(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर,नौ फरवरी (भाषा) सिंगापुर में भारतीय उच्चायुक्त शिल्पक अंबुले ने आईएनएस सुजाता, आईएनएस शार्दुल और आईसीजीएस वीरा के प्रशिक्षुओं से दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा के दौरान मिलने वाले अवसरों का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान किया।
चांगी नौसेना अड्डे पर शनिवार शाम को ‘फर्स्ट ट्रेनिंग स्क्वाड्रन’ (1टीएस) और ‘रिपब्लिक ऑफ सिंगापुर नेवी’ (आरएसएन) के प्रतिनिधि समेत आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों के लिए आयोजित स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए राजदूत ने प्रशिक्षुओं से कहा कि क्षेत्र के मित्र देशों के साथ जुड़ाव से उन्हें ठोस जानकारी मिलेगी।
अंबुले ने कहा, “ये कार्यक्रम जहाज पर सवार प्रशिक्षुओं को ठोस जानकारी प्रदान करेंगे और उन्हें दोनों देशों के साथ-साथ हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे सामाजिक, सांस्कृतिक, सैन्य और सर्वोत्कृष्ट समुद्री संबंधों को समझने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “सिंगापुर न केवल समुद्री अनुभवों के दृष्टिकोण से, बल्कि इससे भी ज्यादा हमारे प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के लिए एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि हम इस वर्ष अपने राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ और सिंगापुर का 60वां स्थापना दिवस मना रहे हैं।”
जहाज बृहस्पतिवार को सिंगापुर के चांगी बेस पर पहुंचे और आज सुबह अपनी यात्रा प्रारंभ करेंगे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया में लंबी दूरी की तैनाती के तहत जहाज अपने वार्षिक प्रशिक्षण मिशन पर हैं। अंबुले ने कहा कि सिंगापुर भारतीय नौसेना और तट रक्षक जहाजों के लिए बंदरगाह के रूप में एक महत्वपूर्ण गंतव्य रहा है।
तीन जहाजों की यात्रा में सहयोग देने के लिए आरएसएन का आभार व्यक्त करते हुए अंबुले ने ‘दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच इस साझेदारी के निरंतर आगे बढ़ने” की कामना की।
भाषा जोहेब शोभना
शोभना