नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी का दक्षिण दिल्ली इलाका 5.65 लाख करोड़ रुपये मूल्य के करीब 18,500 निजी स्वामित्व वाले आवासीय भूखंडों की मौजूदगी को देखते हुए पुनर्विकास की संभावनाओं से भरपूर है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
वैकल्पिक निवेश कोष गोल्डन ग्रोथ फंड ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण दिल्ली के महंगे आवासीय इलाकों में पुनर्विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण दिल्ली में ए, बी और सी श्रेणी की 42 कॉलोनियों में निजी पक्षों के स्वामित्व वाले लगभग 18,446 आवासीय भूखंड हैं। इन भूखंडों का आकार 125 वर्ग गज से लेकर 1,750 वर्ग गज तक है और इनकी औसत कीमत छह लाख से 15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
गोल्डन ग्रोथ फंड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंकुर जालान ने कहा कि इन जमीनों का मौजूदा बाजार मूल्य करीब 5.65 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इन जमीनों का एक निश्चित हिस्सा हर साल पुनर्विकास के लिए बाजार में आता है।
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने दिल्ली की सभी कॉलोनियों को आठ श्रेणियों में बांटा हुआ है। इन श्रेणियों के आधार पर ही सर्किल दर, संपत्ति कर दर और संपत्ति स्टाम्प शुल्क निर्धारित होते हैं।
दिल्ली के ए और बी श्रेणी की आवासीय कॉलोनी दक्षिण दिल्ली में स्थित हैं। यहां पर ए श्रेणी वाली 13 कॉलोनियों में लगभग 3,704 भूखंड उपलब्ध हैं, जिनकी औसत कीमत सात लाख रुपये प्रति वर्ग गज से लेकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज तक है।
इसके अलावा बी श्रेणी वाली 27 कॉलोनियों में लगभग 12,720 भूखंड हैं, जिनकी औसत कीमत छह-12 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
जालान ने कहा, “दक्षिण दिल्ली में मुख्य रूप से अमीर तबका रहता है जिसमें व्यवसायी, वकील और वेतनभोगी पेशेवर शामिल हैं। नव-धनाढ्य वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यहां के खाली पड़े भूखंडों पर नया निर्माण या पुरानी इमारतों का पुनर्विकास किया जा रहा है।”
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