त्योहारी मांग से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में सुधार का रुख

Ankit
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नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) होली, रमजान जैसे त्योहारों की मांग बढ़ने के कारण देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजारों में बुधवार को अधिकांश तेल-तिलहन (सरसों, मूंगफली तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल) के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। किसानों के सोयाबीन के हाजिर दाम, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम रहने और घबराहटपूर्ण माहौल के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन का हाजिर दाम एमएसपी से लगभग 22 प्रतिशत नीचे है। इसी प्रकार मूंगफली तिलहन का दाम एमएसपी से लगभग 18 प्रतिशत नीचे है। जो खाद्य तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 55 प्रतिशत आयात पर निर्भर देश की, उसके तिलहन उत्पादन बढ़ाने वाले किसानों की व्यथा और दुर्दशा का स्पष्ट उदाहरण है। ऐसे में तेल-तिलहन विशेषज्ञ, समीक्षकों, तेल संगठनों के अधिकारियों को इस दिशा में नए सिरे से विचार करने की जरूरत है। इस प्रश्न को हल किये बगैर तेल-तिलहन का उत्पादन बढ़ाना असंभव है।

मलेशिया और शिकॉगो एक्सचेंज में घट-बढ़ चल रही है।

सूत्रों ने कहा कि सरसों का हाजिर दाम भी एमएसपी से 4-5 प्रतिशत नीचे है। मंडियों में जरूरतमंद किसान इस फसल को बेच रहे हैं और स्टॉकिस्टों की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा खरीद कर सरसों स्टॉक कर लिया जाये। क्योंकि होली के कारण 4-5 दिनों के लिए मंडियां बंद हो जायेंगी और उसके बाद सरकार की ओर से एमएसपी पर सरसों की खरीद चालू होगी। नेफेड और बाकी जगहों पर भी सरसों का पुराना स्टॉक काफी हद तक खप चुका है और इस साल उत्पादन भी कम है।

होली, रमजान की मांग के बीच सरसों तेल-तिलहन के दाम में सुधार देखने को मिला।

सूत्रों ने कहा कि मूंगफली किसान अपनी उपज को और अधिक नीचे दाम पर बेचने से बच रहे हैं। ऊपर से त्योहारों की मांग होने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी सुधार आया।

उन्होंने कहा कि मंडियों में सूरजमुखी और पामोलीन का दाम काफी अधिक होने से अपेक्षकृत सस्ते सोयाबीन पर ही आपूर्ति का सारा दबाव है। जिस वजह से सोयाबीन तेल कीमतों में सुधार आया। जबकि डीओसी के कमजोर दाम के कारण मिल वालों की खरीद प्रभावित रहने के बीच सोयाबीन तिलहन के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि सबसे सस्ता होने तथा सूरजमुखी, पामोलीन से दाम काफी कम रहने के बीच बिनौला तेल की अच्छी मांग होने से बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार आया।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,125-6,225 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,625-5,950 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,350 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,335-2,435 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,335-2,460 रुपये प्रति टिन।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 14,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,700 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 10,025 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,050 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,400 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,100-4,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 3,800-3,850 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय



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