नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने लोकसभा में बुधवार को तेलक्षेत्र (विनियमन तथा विकास) संशोधन विधेयक, 2024 को नीतिगत स्थिरता लाने वाला विधेयक करार देते हुए कहा कि यह भारत के तेल एवं प्राकृतिक गैस क्षेत्र में निश्चित रूप से निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा।
उन्होंने विधेयक को मील का पत्थर बताते हुए कहा, ‘‘विधेयक में, (तेल एवं गैस क्षेत्र में) नीतिगत स्थिरता के बारे में लंबे समय से मौजूद चिंता को दूर कर निवेश का माहौल बनाने का प्रयास किया गया है।’’
सैकिया ने कहा कि वर्तमान में देश में 263 परियोजनाओं पर काम हो रहा है, जिनमें रिफाइनरी, पाइपलाइन, उत्खनन एवं उत्पादन, पेट्रोकेमिकल्स, शहरों में गैस वितरण, बुनियादी ढांचा और विपणन शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह विधेयक निश्चित रूप से निवेशकों का विश्वास भारत के तेल एवं गैस क्षेत्र में बढ़ाएगा। विधेयक का लक्ष्य निवेश बढ़ाना है। विधेयक के जरिये तेल एवं गैस क्षेत्र में नीतिगत स्थिरता और नियामक स्पष्टता लाने का प्रयास किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, हम जीरो कार्बन नीति के कार्यान्वयन की दिशा में काम कर रहे हैं।’’
चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के जगदंबिका पाल ने कहा कि यह विधेयक भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। उन्होंने कहा कि विधेयक के जरिये निवेश में अनिश्चितता की स्थिति को दूर किया गया है।
जद(यू) के कौशलेन्द्र कुमार ने भी विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इस विधेयक के कानून का रूप ले लेने पर तेल क्षेत्र में विदेशी निवेश बढ़ेगा, तेल के आयात में कमी आएगी जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
उन्होंने कहा कि इससे देश तेल एवं गैस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भी प्राप्त करेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण किये जाने के मामले में बिहार देश में अग्रणी बन गया है और राज्य में करीब 15 इथेनॉल कारखानों में उत्पादन हो रहा है।
शिवसेना के रवीन्द्र दत्ताराम वायकर ने चर्चा में भाग लेते हुए, तेल (ईंधन) में मिलावट करने वाले पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और उनके लाइसेंस रद्द करने की मांग की।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सांसद डॉ गुम्मा तनुजा रानी ने भी विधेयक का समर्थन किया।
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