पटना, पांच अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की धार्मिक आधार पर ‘ध्रुवीकरण’ की राजनीति के अनुरूप है।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने संविधान की नौवीं अनुसूची में उन कानूनों को शामिल करने में केंद्र की अनिच्छा पर भी सवाल उठाया, जिसके तहत राज्य में वंचित जातियों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया था और जिन्हें पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
यादव ने आरोप लगाया, “केंद्र की सरकार को गरीबों के लिए काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। यह केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा को दर्शाता है, जो ध्रुवीकरण की राजनीति में विश्वास करती है।”
तेजस्वी वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और विपक्षी गठबधन ‘इंडिया’ के घटक दलों ने भी वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों का कड़ा विरोध किया है।
पूर्व उपमुख्यमंत्री यादव ने पूछा, “केंद्र बिहार में आरक्षण कानून में संशोधन को नौवीं अनुसूची में डालने की हमारी मांग क्यों नहीं मान रहा है। इससे वंचित जातियों को 65 प्रतिशत कोटा का लाभ उठाने में मदद मिलती।”
इस बीच बिहार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमा खान ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “जब प्रस्तावित संशोधन संसद में पेश किए जाएंगे, तब हमें उन्हें देखना होगा। उसके बाद ही प्रतिक्रिया देना उचित होगा।”
केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) नेता खान से प्रस्तावित संशोधनों में वक्फ बोर्ड में महिलाओं को शामिल करने के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “यह एक स्वागत योग्य कदम होगा।”
भाषा अनवर जितेंद्र
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