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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि नया वक्फ (संशोधन) अधिनियम सामाजिक न्याय की दिशा में उनकी सरकार का एक और ठोस कदम है।
उन्होंने कहा कि वक्फ पर पूर्ववर्ती कानून 2013 में भू-माफियाओं और मुस्लिम कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए बनाया गया था।
‘न्यूज18’ के ‘राइजिंग भारत समिट’ को संबोधित करते हुए मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि संसद में इस मुद्दे पर हुई चर्चा में तुष्टीकरण की राजनीति देखने को मिली। तुष्टीकरण की इसी राजनीति के कारण कांग्रेस सत्ता में आई और कुछ मुस्लिम कट्टरपंथी अमीर बन गए।
मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन, महत्वपूर्ण सवाल यह है कि आम मुसलमानों को क्या लाभ मिला? गरीब पसमांदा मुसलमानों को क्या मिला? उन्हें केवल उपेक्षा का सामना करना पड़ा। उन्हें शिक्षा नहीं मिली, उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ा और मुस्लिम महिलाओं को शाहबानो की तरह अन्याय का सामना करना पड़ा, जहां उनके संवैधानिक अधिकारों को कट्टरपंथ की वेदी पर बलि चढ़ा दिया गया।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1947 में देश के विभाजन के पीछे भी इसी तरह का रवैया था, जब कांग्रेस नेताओं ने अलग राष्ट्र के विचार को खत्म नहीं किया, जिसे आम मुसलमानों ने नहीं बल्कि ‘‘कुछ कट्टरपंथियों’’ ने बढ़ावा दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2013 में कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा लागू किये गये वक्फ अधिनियम से यह भ्रम पैदा हुआ कि यह कानून संविधान से ऊपर है।
मोदी ने कहा, ‘‘2013 में वक्फ कानून में संशोधन मुस्लिम कट्टरपंथियों और भू-माफियाओं को खुश करने का प्रयास था। इस कानून ने यह भ्रम पैदा किया कि यह संविधान से ऊपर है। संविधान में निर्धारित न्याय का मार्ग वक्फ कानून द्वारा सीमित कर दिया गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून से भू-माफिया और कट्टरपंथियों को बढ़ावा मिला। केरल में ईसाइयों की जमीन पर वक्फ का दावा है, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन पर विवाद है और कर्नाटक में किसानों की जमीन पर दावे हैं।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि न्याय दिलाने वाला कानून भय का कारण बन गया। उन्होंने कहा कि संशोधित वक्फ अधिनियम समाज और मुस्लिम समुदाय के हित में है।
मोदी ने कहा, ‘‘मैं संसद को एक शानदार अधिनियम बनाने के लिए बधाई देता हूं। अब वक्फ की पवित्र मंशा कायम रहेगी और गरीब पसमांदा मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की भी रक्षा होगी।’’
प्रधानमंत्री ने संसद को इस शानदार कानून को पारित करने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि संसदीय इतिहास में दूसरी सबसे लंबी चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दोनों सदनों में विधेयक पर 16 घंटे चर्चा हुई, इसके साथ ही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की 38 बैठकें हुईं, कुल 128 घंटे विचार-विमर्श हुआ। देश भर के नागरिकों से लगभग एक करोड़ सुझाव प्राप्त हुए। यह इस बात को रेखांकित करता है कि लोकतंत्र संसद की दीवारों तक सीमित नहीं है, इसे सक्रिय जनभागीदारी के माध्यम से समृद्ध और मजबूत किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस वर्ष के पहले 100 दिनों में अपनी नीतियों के साथ संभावनाओं के नये द्वार खोले हैं, उन्होंने कहा कि भारत न तो झुकने वाला है और न ही रुकने वाला है।
अंतरिक्ष और परमाणु क्षेत्र में निजी कंपनियों को अनुमति देने के फैसले का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने अपनी नीतियों के माध्यम से नयी संभावनाओं के द्वारा खोले हैं।’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत ने तेज गति से विकास किया है और महज एक दशक में अपनी अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना कर लिया है।
मोदी ने कहा, ‘‘जो लोग सोचते थे कि भारत धीमी गति से चलेगा, वे ‘‘तेज गति से चलने वाला और निडर’’ भारत देख रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि तेज विकास के लिए शांति, स्थिरता और सुरक्षा आवश्यक शर्तें हैं और कहा कि उनकी सरकार ने आतंकवाद और नक्सलवाद पर नकेल कसी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने जम्मू कश्मीर में मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता दिखाई है।
मोदी ने कहा कि युवाओं की आकांक्षाएं इन 100 दिनों में उनकी सरकार के फैसलों में प्रदर्शित होती हैं, जिसने भविष्य के लिए एक मजबूत नींव भी रखी है।
भाषा सुरभि सुभाष
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