चेन्नई, 23 मार्च (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि तमिलनाडु उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत एक प्रमुख लाभार्थी के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि राज्य को इलेक्ट्रॉनिक्स और वाहन क्षेत्रों में इन परियोजनाओं का एक बड़ा हिस्सा मिला है।
सीतारमण ने शनिवार शाम को चेन्नई नागरिक मंच के एक कार्यक्रम में राज्य सरकार के इन आरोपों को खारिज किया कि केंद्र ने वित्तपोषण के मामले में तमिलनाडु की उपेक्षा की है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कई बड़ी परियोजनाओं की घोषणा हुई है और ये कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।
केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जे और वाहन क्षेत्र में पीएलआई-योजना के तहत तमिलनाडु सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है। केंद्र से मंजूरी पाने वाली 27 कंपनियों में सात तमिलनाडु से बाहर स्थित हैं।’’
सीतारमण ने कहा कि पीएलआई योजना से लाभ उठाने वाली 25 प्रतिशत कंपनियां तमिलनाडु से हैं।
उन्होंने सरकार या किसी व्यक्ति का नाम लिए बिना, उन दावों को खारिज किया कि राज्य को केंद्रीय करों से न्यूनतम राजस्व मिला है।
सीतारमण ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में नहीं पता कि वे इस तरह का तर्क कैसे देते हैं। मुझे बस इतना कहना है कि राज्य पिछले 10 वर्षों में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं और क्षेत्र विशेष की पहल का लाभार्थी रहा है।’’
उन्होंने यह भी बताया कि देश के दो प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जा विनिर्माण क्लस्टर में एक तमिलनाडु और एक गुजरात में हैं। तमिलनाडु में क्लस्टर स्थापित करने के लिए 1,100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘तमिलनाडु वाहन और वाहन कलपुर्जा विनिर्माण में पीएलआई योजनाओं के तहत दूसरा सबसे बड़ा लाभार्थी है।’’ वाहन क्षेत्र के लिए केंद्र की पीएलआई योजना के तहत स्वीकृत 82 आवेदनों में 46 तमिलनाडु से हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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