तटरक्षक बल के शीर्ष अधिकारी ने एएचएल के डिजाइन के पुनर्मूल्यांकन का आह्वान किया |

Ankit
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मुंबई, 31 जनवरी (भाषा) भारतीय तटरक्षक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में गुजरात में एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएचएल) दुर्घटनाग्रस्त होने से तीन लोगों की मौत के मद्देनजर इन हेलीकॉप्टरों के डिजाइन का पुनर्मूल्यांकन करने का आह्वान किया है।


आईसीजी के महानिरीक्षक एवं क्षेत्रीय कमांडर (पश्चिम) भीष्म शर्मा ने बृहस्पतिवार को बताया कि एएलएच पिछले 20 वर्षों से सेवा में है और तटरक्षक बल के पास ‘ध्रुव’ नामक स्वदेशी हेलीकॉप्टर का मार्क 3 संस्करण है।

उन्होंने मुंबई में पत्रकारों से कहा, “हमने व्यापक उड़ान संचालन किया है। मैंने खुद अगत्ती से मिनिकॉय और मिनिकॉय से कवरत्ती (लक्षद्वीप में) तक हेलीकॉप्टर की सवारी की है। यह एक अद्भुत हेलीकॉप्टर है, लेकिन कुछ घटनाओं के कारण निश्चित रूप से डिजाइन के पुनर्मूल्यांकन की जरूरत है।”

उन्होंने कहा कि एएलएच के निर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड इस पर काम कर रहा है।

पांच जनवरी को गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण आग लगने से तटरक्षक बल के एएलएच के दो पायलट और एक ‘एयरक्रू’ गोताखोर की मौत हो गई थी। दुर्घटना के बाद सशस्त्र बलों ने दो इंजन वाले हेलीकॉप्टरों के पूरे बेड़े के उड़ान भरने पर रोक लगा दी थी।

इस रोक के कारण स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एएलएच इस वर्ष गणतंत्र दिवस की ‘फ्लाईपास्ट’ का हिस्सा नहीं था।

थल सेना, वायु सेना, नौसेना और तटरक्षक बल लगभग 330 एएलएच का इस्तेमाल करते हैं।

शर्मा ने बताया कि तटरक्षक बल ने जहाजों के आसपास निगरानी बढ़ाने के लिए कुछ ड्रोन खरीदे हैं और इन ड्रोन का इस्तेमाल बल के अग्रिम पंक्ति के जहाजों द्वारा किया जा रहा है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारी योजना निकट भविष्य में कुछ और ड्रोन इस्तेमाल करने की है, जो उनकी प्रभावशीलता पर निर्भर करेगा।”

भाषा

जोहेब प्रशांत

प्रशांत



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