(मोहित सैनी)
नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का वीर सावरकर कॉलेज इसके लिए जमीन दान करने वाले नजफगढ़ के रोशनपुरा गांव के आवेदकों के वास्ते प्रत्येक पाठ्यक्रम में दो सीट आरक्षित करेगा। लैंगिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए इनमें से एक सीट लड़कियों के लिए होगी।
डीयू के पश्चिमी परिसर से मात्र पांच मिनट की दूरी पर स्थित वीर सावरकर कॉलेज का निर्माण 140 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जा रहा है और इसका निर्मित क्षेत्रफल 18,816.56 वर्ग मीटर है।
विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘एक बहुत ही सकारात्मक और प्रगतिशील कदम के तहत विश्वविद्यालय ने प्रति पाठ्यक्रम दो सीट उन लोगों के बच्चों के लिए आरक्षित करने का फैसला किया है, जिन्होंने कॉलेज की स्थापना के लिए अपनी जमीन दी है। दो सीट में से एक सीट छात्राओं के लिए होगी।’’
परिसर में 24 क्लासरूम, आठ ट्यूटोरियल कक्ष, 40 संकाय कक्ष, विभागीय पुस्तकालय, सम्मेलन कक्ष और एक कैंटीन होगी।
सिंह ने कहा, ‘‘हम इस शैक्षणिक सत्र के लिए वीर सावरकर कॉलेज में चार वर्षीय दो स्नातक पाठ्यक्रम – बीएससी कंप्यूटर साइंस और ‘बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (बीबीए) शुरू कर रहे हैं तथा दोनों पाठ्यक्रमों में रोशनपुरा गांव के छात्रों के लिए दो सीट आरक्षित होंगी।’’
प्रत्येक पाठ्यक्रम में 60 सीट होंगी।
यह कॉलेज रोशनपुरा गांव के निवासियों द्वारा दान की गई भूमि पर विकसित किया जा रहा है।
कुलपति ने कहा कि यह आरक्षण तब भी जारी रहेगा जब कॉलेज में और पाठ्यक्रम शुरू हो जाएंगे।
इस सत्र से प्रवेश शुरू करने का डीयू का निर्णय लगभग तीन दशकों में इसका पहला बड़ा विस्तार है।
वीर सावरकर कॉलेज दिल्ली में उच्च शिक्षा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए डीयू की व्यापक विस्तार पहल का हिस्सा है। दो अतिरिक्त परिसर भी विकसित किए जा रहे हैं जिनमें सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर और द्वारका सेक्टर 22 में पश्चिमी परिसर शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3 जनवरी, 2025 को इन परिसरों की आधारशिला रखी थी।
वीर सावरकर कॉलेज की शुरुआत और बुनियादी ढांचे के विस्तार के साथ डीयू का लक्ष्य मौजूदा संस्थानों पर दबाव कम करना और राजधानी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाना है।
भाषा नेत्रपाल मनीषा
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