ठाणे, 23 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे शहर की एक अदालत ने घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न के मामले में एक महिला के पति और ससुर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
हालांकि, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जीजी भंसाली ने 17 फरवरी के अपने आदेश में आरोपियों के चार रिश्तेदारों को अग्रिम जमानत दे दी और कहा कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। आदेश की प्रति रविवार को उपलब्ध कराई गई।
जनवरी 2022 में शादी करने वाली महिला ने इस साल तीन फरवरी को चितलसर-मनपाड़ा पुलिस थाने का रुख किया और अपने ससुराल में उत्पीड़न का सामना करने का आरोप लगाया।
महिला ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग को लेकर उसे परेशान किया, जिसमें सोना, कार और ऑफिस के लिए नकद राशि शामिल थी, और यहां तक कि उसे बंदूक दिखाकर धमकाया भी गया।
महिला ने आरोप लगाया कि उसे गर्भपात के लिए आयुर्वेदिक दवा दी गई। उसने अपने पति पर विवाहेतर संबंध रखने का भी आरोप लगाया।
सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता जिया शेख, राजन सालुंके और जयेश तिखे ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ किए जाने का अनुरोध किया। वहीं, आरोपियों के वकील अब्दुल्ला कटलारीवाला और निखिल घाटे ने दलील दी कि मामला मनगढ़ंत है।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने महिला के पति और ससुर की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी। हालांकि, उन्होंने आरोपियों के चार रिश्तेदारों को जमानत प्रदान कर दी और कहा कि कथित क्रूरता में उनकी सक्रिय संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं है।
भाषा प्रशांत पारुल
पारुल