वाशिंगटन, 18 जनवरी (एपी) अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में शांति समझौता करने का संकल्प लिया है, लेकिन पदभार ग्रहण करने की उनकी तैयारी के बीच शांति की यह पहल पहले की तरह ही दूर की कौड़ी जान पड़ती है।
रूस और यूक्रेन तीन साल से चल रही लड़ाई के समापन पर केंद्रित किसी भी संभावित बातचीत से पहले वार्ता की मेज पर अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए युद्ध के मैदान में बढ़त बना लेने की कोशिश में जुटे हैं।
पिछले साल रूसी सेना धीरे-धीरे लेकिन लगातार यूक्रेनी सुरक्षा बलों को धकेलती आगे बढ़ती रही है तथा पूर्व और दक्षिण में चार क्षेत्रों पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रही है।
रूस ने युद्ध की शुरुआत में जबरन इन क्षेत्रों का विलय कर लिया था, लेकिन वह कभी पूरी तरह से कब्ज़ा नहीं कर पाया। वह यूक्रेन के ऊर्जा नेटवर्क एवं अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को कमज़ोर करने की कोशिश में ताबड़तोड़ मिसाइलें और ड्रोन दाग रहा है।
बदले में यूक्रेन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में अपनी पैठ का विस्तार करने की कोशिश की है। यूक्रेन ने रूसी तेल केंद्रों और मॉस्को की युद्ध मशीन के लिए महत्वपूर्ण अन्य प्रमुख लक्ष्यों को मिसाइलों और ड्रोनों से निशाना बनाया है।
दोनों ही पक्षों ने वार्ता के सिलसिले में ऐसा रूख अपना लिया है जहां समझौते की गुजाइंश बहुत कम बची है।
चुनाव प्रचार के दौरान महज 24 घंटे के अंदर युद्ध रूकवा देने का ऐलान करने वाले ट्रंन ने इस माह के शुरू में यह समयसीमा बदल दी और उम्मीद जतायी कि छह माह में शांति वार्ता हो सकती है।
यूक्रेन में उनके नामित दूत कीथ केल्लोग का कहना है कि शांति समझौता 100दिनों में हो सकता है।
एपी राजकुमार रंजन
रंजन