टोल माफी से खजाने पर पड़ने वाले 5,000 करोड़ के बोझ को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने सवाल उठाए

Ankit
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मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) ने मंगलवार को मुंबई के पांच प्रवेश बिंदुओं पर हल्के वाहनों के लिए टोल माफ करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले की आलोचना की और दावा किया कि इससे राज्य के खजाने पर 5,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।


शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 और पुणे मेट्रो के दूसरे चरण के अलावा मंत्रिमंडल के अन्य फैसलों को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के रवैये को लापरवाही भरा बताया गया।

संपादकीय में पूछा गया कि क्या सरकार के पास इन योजनाओं के लिए पैसे हैं?

टोल माफी का जिक्र करते हुए मराठी दैनिक में दावा किया गया कि विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने ‘जुमलेबाजी’ शुरू कर दी है।

संपादकीय में कहा गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने टोल माफ करने के लिए कंपनियों के साथ हुए समझौते की शर्तों को उजागर किया था। सरकार को जो हजारों करोड़ रुपये का मुआवजा देना पड़ेगा, उसका क्या होगा?

इसमें पूछा गया है, ‘‘इस टोल माफी के कारण सरकार पर पड़ने वाले 5,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ का क्या होगा?’’

संपादकीय में कहा गया है कि सरकार ने अपने निर्णयों के वित्तीय आवंटन पहलुओं को स्पष्ट नहीं किया है।

भाषा शफीक अविनाश

अविनाश



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