नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे को लेकर रविवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में असंतोष देखने को मिला।
नाराज कार्यकर्ताओं ने दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं करावल नगर के निवर्तमान विधायक मोहन बिष्ट ने शनिवार को जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची में उनकी मौजूदा सीट से कपिल मिश्रा को टिकट देने के खिलाफ सार्वजनिक रूप से नाखुशी जताई।
हालांकि, रविवार शाम को पार्टी ने बिष्ट की नाराजगी दूर करने और संभावित नुकसान से बचने के लिए उन्हें मुस्तफाबाद से मैदान में उतारने की घोषणा की।
दक्षिण दिल्ली के तुगलकाबाद से आए प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने दिल्ली भाजपा कार्यालय के द्वार पर धरना दिया और निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बदलने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर युवा शामिल थे और उन्होंने नारे लगाए, ‘‘विक्रम बिधूड़ी तुम संघर्ष करो; मोदी से बैर नहीं, रोहतास तेरी खैर नहीं।’’
भाजपा नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की।
शनिवार को घोषित भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में, रोहतास बिधूड़ी को तुगलकाबाद सीट से मैदान में उतारा गया है। 2020 के विधानसभा चुनाव में विक्रम बिधूड़ी आम आदमी पार्टी के सहीराम से 13,000 से अधिक वोट से हार गए थे। विक्रम पार्टी के वरिष्ठ नेता रमेश बिधूड़ी के रिश्तेदार हैं।
इस महीने की शुरुआत में उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा के बाद भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने महरौली से उम्मीदवार गजेंद्र यादव के खिलाफ दिल्ली भाजपा कार्यालय के बाहर इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था।
करावल नगर सीट से पांच बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने अपने गढ़ से चुनाव लड़ने के लिए टिकट न दिए जाने पर खुले तौर पर नाराजगी जताई।
पार्टी के एक नेता ने दावा किया कि भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ बैठक के बाद वह शांत हो गए हैं।
बिष्ट ने मुस्तफाबाद से टिकट मिलने के बाद विश्वास जताया कि वह भाजपा के लिए यह सीट जीतेंगे। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात की और चीजें तय हो गईं। मैंने आश्वासन दिया है कि मैं मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ूंगा और पार्टी के लिए सीट जीतूंगा।’’
बिष्ट ने कहा कि उन्हें और भाजपा को मुस्तफाबाद में अच्छा खासा समर्थन प्राप्त है और वह वहां पहले ही दो जनसभाओं में भाग ले चुके हैं।
भाजपा ने 2015 के विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण अल्पसंख्यक समुदाय की उपस्थिति वाली मुस्तफाबाद सीट जीती थी, लेकिन 2020 में उसे आम आदमी पार्टी (आप) से हार मिली थी।
इससे पहले दिन में बिष्ट ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी जगह कपिल मिश्रा को उम्मीदवार बनाने का पार्टी का फैसला ‘‘गलत’’ है और इसके परिणाम पांच फरवरी को मतदान के बाद नजर आएंगे।
बिष्ट ने दावा किया था, ‘‘आपने मोहन सिंह बिष्ट को नहीं, बल्कि ‘समाज’ (उत्तराखंडी समुदाय) को चुनौती दी है। इस फैसले के कारण भाजपा कम से कम 8-10 सीटें खो देगी, जिसमें करावल नगर, बुराड़ी, मुस्तफाबाद और गोकलपुरी शामिल हैं।’’
भाजपा ने कट्टर हिंदुत्व नेता माने जाने वाले कपिल मिश्रा को उत्तर पूर्वी दिल्ली के करावल नगर से मैदान में उतारा है। इलाके में 2020 के विधानसभा चुनाव के ठीक बाद बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा हुई थी।
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि मादीपुर और कोंडली सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों से टिकट न दिए जाने को लेकर दिल्ली भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के नेताओं में भी ‘गहरी नाराजगी’ है।
प्रदेश भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा कि टिकट के आकांक्षियों की संख्या अधिक है और ऐसे में जिन लोगों का चयन नहीं हुआ है, उनका निराश होना स्वाभाविक है।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और इसके नेता इसे समझते हैं। देर-सवेर सभी को यह बात समझ में आ जाएगी और वे अपनी नाराजगी छोड़कर पार्टी की जीत के लिए काम करेंगे।’’
दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होना है और नतीजे आठ फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
भाषा धीरज सुभाष
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