झारखंड केंद्रीय अनुदान घटने, योजनाओं पर इसके असर पर अध्ययन करेगा

Ankit
3 Min Read


रांची, 22 मार्च (भाषा) झारखंड में जेएमएम के नेतृत्व वाली सरकार ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने कई प्रायोजित योजनाओं के लिए अपने अनुदान में कटौती की है, जिससे राज्य का विकास प्रभावित हुआ है।


विधानसभा में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के एक सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि सरकार जल्द ही केंद्र द्वारा राज्य को दिए जाने वाले अनुदान, ऋण और विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर उनके प्रभाव का व्यापक अध्ययन करेगी।

सरकार ने अपने लिखित जवाब में कहा कि झारखंड को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए केंद्र से अनुदान के रूप में 2022-23 में 8,828.89 करोड़ रुपये, 2023-24 में 8,980.63 करोड़ रुपये और चालू वित्त वर्ष 2024-25 में जनवरी तक 5,736.27 करोड़ रुपये मिले।

कुमार ने सदन को बताया, ”राज्य को दिए जाने वाले केंद्रीय कर और अनुदान में कमी आई है। केंद्र के सौतेले रवैये ने झारखंड के विकास को प्रभावित किया है।”

झारखंड के मंत्री ने कहा कि केंद्रीय अनुदान में कमी के मद्देनजर विभिन्न केंद्र प्रायोजित योजनाओं और लोगों पर इसके प्रभाव का आकलन किया जाएगा।

यादव ने दावा किया कि पड़ोसी राज्य बिहार को 2023-24 में केंद्रीय कर और अनुदान के रूप में 1.65 लाख करोड़ रुपये मिले, जबकि झारखंड को इस दौरान मात्र 46,000 करोड़ रुपये मिले। उन्होंने झारखंड के आंकड़ों की तुलना पड़ोसी राज्यों से करते हुए केंद्रीय अनुदानों पर अध्ययन की मांग की।

जवाब में कुमार ने कहा, ”सरकार झारखंड और उसके पड़ोसी राज्यों को दिए गए केंद्रीय ऋण और अनुदानों पर व्यापक अध्ययन करेगी। झारखंड के लिए फंड में कटौती का तुलनात्मक आकलन भी किया जाएगा। इसके बाद एक रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी।”

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और विधायक कल्पना सोरेन ने भी केंद्र से मिले ऋण के बारे में जानना चाहा। कुमार ने कहा कि राज्य को केंद्र से 2008-09 से 2013-14 तक 20,825 करोड़ रुपये, 2014-15 और 2018-19 के बीच 42,956 करोड़ रुपये और 2019-20 में 9,593 करोड़ रुपये ऋण के रूप में मिले।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *