जीवन, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर घटाने को लेकर जीएसटी परिषद में व्यापक सहमति: सूत्र |

Ankit
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(तस्वीर के साथ)


नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) जीएसटी परिषद स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर व्यापक रूप से सहमत हो गई है लेकिन इस पर अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

कर दर को युक्तिसंगत बनाने की केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों की समिति (फिटमेंट कमेटी) ने सोमवार को जीएसटी परिषद के समक्ष एक रिपोर्ट पेश की। इसमें जीवन, स्वास्थ्य और पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी कटौती के आंकड़े और विश्लेषण दिए गए हैं।

एक सूत्र ने कहा, ‘स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर जीएसटी दर में कटौती पर व्यापक सहमति बन गई है, लेकिन परिषद की अगली बैठक में इसके तौर-तरीकों पर फैसला किया जाएगा।’

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्य मंत्रियों की मौजूदगी वाली जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक इस समय दिल्ली में चल रही है। यह जीएसटी से जुड़े मामलों में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।

सूत्रों ने कहा कि अधिकांश राज्य बीमा प्रीमियम की दरों में कटौती के पक्ष में हैं, क्योंकि मासिक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी होने से करदाताओं के अनुकूल उपाय करने की गुंजाइश बनी हुई है। यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं तो यह करोड़ों पॉलिसीधारकों के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि प्रीमियम राशि घट जाएगी।

जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा कर लगता था। वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने पर सेवा कर को जीएसटी प्रणाली में शामिल कर लिया गया था।

वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र और राज्यों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के जरिये 8,262.94 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के रूप में 1,484.36 करोड़ रुपये वसूले गए।

बीमा प्रीमियम पर कर लगाने का मुद्दा संसद में चर्चा के दौरान उठा था। विपक्षी सदस्यों ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने की मांग की थी। यहां तक ​​कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस मुद्दे पर सीतारमण को पत्र लिखा था।

पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले महीने दरों को तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक में बीमा प्रीमियम का मुद्दा उठाया था। उसके बाद मामले को आगे के डेटा विश्लेषण के लिए ‘फिटमेंट’ समिति को भेज दिया गया था।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण



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