जीएसटी परिषद नवंबर में जीवन, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर की दर में कटौती पर लेगी फैसला

Ankit
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नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) जीएसटी परिषद सोमवार को स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर कर की दर को कम करने पर व्यापक रूप से आम सहमति पर पहुंच गयी। इस बारे में अंतिम निर्णय नवंबर की बैठक में होगा।


सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 54वीं बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में संवाददाताओं से कहा कि दो मंत्री समूह बनाने का निर्णय किया गया है। इसमें एक जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पर विचार करेगा जबकि दूसरा क्षतिपूर्ति उपकर से जुड़े मुद्दों पर गौर करेगा।

मंत्री समूह जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के आगे की राह के बारे में सुझाव देगा। यह विलासिता और समाज के नजरिये से अहितकर वस्तुओं पर लगाया जाता है।

सरकार ने राज्यों के राजस्व घाटे को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 और 2021-22 में 2.69 लाख करोड़ रुपये उधार लिए थे। जीएसटी परिषद ने ऋण और ब्याज चुकाने के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लगाने को मार्च 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया था।

सीतारमण ने कहा कि ऋण और ब्याज का भुगतान दिसंबर 2025 या जनवरी 2026 तक होने की उम्मीद है। मंत्री समूह (जीओएम) उपकर के भविष्य पर फैसला करेगा। साथ ही इसे केंद्र और राज्यों के बीच कैसे विभाजित किया जाए और इसके लिए कानून में आवश्यक बदलाव पर भी विचार करेगा क्योंकि इसे अब क्षतिपूर्ति उपकर नहीं कहा जा सकता।

जीएसटी परिषद ने कैंसर दवाओं – ट्रैस्टुजुमैब डेरक्सटेकन, ओसिमर्टिनिब और ड्यूरवालुमैब पर कर की दर को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत, नमकीन की कुछ श्रेणियों पर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।

हालांकि, कार सीटों पर जीएसटी दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत कर दी गई है। यह दर मोटरसाइकिल की सीटों के साथ समानता लाने के लिए लगाने का निर्णय लिया गया है, जिन पर पहले से ही 28 प्रतिशत की जीएसटी लगता है।

परिषद ने यह भी निर्णय किया है कि हेलिकॉप्टर सेवा पर यात्रियों के लिए सीट शेयर के आधार पर पांच प्रतिशत और हेलिकॉप्टर चार्टर पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।

साथ ही, डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) द्वारा अनुमोदित उड़ान प्रशिक्षण संगठनों (एफटीओ) की संचालित उड़ान प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को जीएसटी से छूट दी गई है।

सीतारमण ने कहा कि परिषद ने चिकित्सा और स्वास्थ्य बीमा पर करों को कम करने के मुद्दे पर चर्चा की। बैठक में यह महसूस किया गया कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और कंपनियों की समूह बीमा पॉलिसी के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों द्वारा भुगतान किये गये प्रीमियम और जीवन बीमा के संबंध में अधिक चर्चा की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘परिषद ने महसूस किया कि बीमा से संबंधित जुड़े मामले में कई आयाम हैं। ऐसे में यह उपयुक्त है कि मामले पर मंत्रियों का समूह विचार करे और अक्टूबर के अंत तक इस पर अपनी रिपोर्ट दे ताकि नवंबर में जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर निर्णय किया जा सके।’’

स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पर गठित जीओएम के सदस्यों में बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मेघालय, गोवा, तेलंगाना, तमिलनाडु, पंजाब और गुजरात के मंत्री शामिल होंगे।

वर्तमान में, स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है।

वित्त मंत्री ने अनुसंधान एवं विकास के लिए संस्थानों को प्राप्त राशि पर जीएसटी छूट के मुद्दे का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनसे ऐसे कोष को कर से छूट देने के लिए कहा है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘अनुसंधान से संबंधित राशि संस्थानों को दिए जाने के मामले हैं। ऐसे सात संस्थानों को नोटिस दिया गया है…इनमें व्याख्या से संबंधित मुद्दे हैं। क्षेत्र के अधिकारी निश्चित रूप से यह सुनिश्चित करना चाहेगा कि वह वह अपना काम सही ढंगे से करे…।’’

उन्होंने कहा कि भेजे गए ऐसे सात नोटिस का कर अधिकारियों द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा और पिछली अवधि के बाकी मामलों को नियमित किया जाएगा।

सीतारमण ने कहा कि अतिरिक्त सचिव (राजस्व) की अध्यक्षता में अधिकारियों की एक समिति केंद्र और राज्यों के बीच एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) साझा करने के फॉर्मूले पर गौर करेगी। वर्तमान में, आईजीएसटी खाता केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से साझा किया जाता है। यह राज्यों से धन वापस पाने के तरीकों पर गौर करेगा।

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि वर्तमान में आईजीएसटी खाते में 14,000 करोड़ रुपये में असंतुलन की स्थिति है।

बी2बी (कंपनियों के बीच) क्षेत्र में ई-चालान के सफल कार्यान्वयन के बाद, जीएसटी परिषद ने बी2सी (कंपनियों और ग्राहकों के बीच) ई-चालान के लिए एक पायलट परियोजना की भी सिफारिश की।

यह खुदरा ग्राहकों को जीएसटी रिटर्न में चालान की रिपोर्टिंग को सत्यापित करने का अवसर भी प्रदान करेगा।

भाषा रमण प्रेम

प्रेम



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