मुंबई, तीन अगस्त (भाषा) भारतीय के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और कोच रवि शास्त्री ने कहा कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की मन के मुताबिक गेंद को नियंत्रित करने की क्षमता ने भारत को पिछले महीने टी20 विश्व कप चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।
बुमराह ने अमेरिका और वेस्टइंडीज में आयोजित इस विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ ग्रुप चरण के मैच और फिर फाइनल में आखिरी ओवरों में अहम विकेट चटकाकर मैच के रुख को भारत की ओर मोड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।
जीत के लिए 120 रन के लक्ष्य का पीछा करते समय पाकिस्तान तीन विकेट पर 80 रन बनाकर अच्छी स्थिति में था लेकिन बुमराह ने क्रीज पर समय बिता चुके विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान को बोल्ड किया जो मैच का पासा पलटने वाला साबित हुआ।
फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को आखिरी पांच ओवर में 30 रन की जरूरत थी और उसके छह विकेट बचे हुए थे। बुमराह ने 16वें ओवर में सिर्फ चार रन खर्च किये और फिर 18वें ओवर में मार्को यानसेन को आउट कर दक्षिण अफ्रीका पर दबाव बना दिया।
शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू’ में कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत-पाकिस्तान (मैच) से भारतीय टीम का आत्मविश्वास काफी बढ़ गया था। टीम को इस मैच में कड़ी टक्कर मिली और उसे उसे एहसास हुआ कि टूर्नामेंट में आगे बढ़ने के लिए सही संयोजन क्या होना चाहिए। इसके बाद फाइनल मैच के आखिरी पांच ओवर शानदार रहे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ बुमराह ने पाकिस्तान के खिलाफ रिजवान को सही समय पर आउट किया। इस विकेट से मैच का रुख भारत की ओर मुड़ने लगा था।
भारत के पूर्व कोच ने कहा कि विश्व कप में बुमराह को लेकर उनका सर्वश्रेष्ठ पल तब आया जब इस गेंदबाज ने यानसेन को बोल्ड किया।
शास्त्री ने कहा, ‘‘ रिवर्स स्विंग की मदद से बल्ले और पैड के बीच से गेंद निकाल कर यानसेन को बोल्ड करना शानदार उपलब्धि थी। मुझे लगता है कि उस समय यह काफी अहम विकेट था।’’
यानसेन आउट होने वाले छठे बल्लेबाज थे और जब वह पवेलियन लौटे तो दक्षिण अफ्रीका को 15 गेंद में 21 रन की जरूरती।
इससे पहले हरफनमौला ने हार्दिक पंड्या ने हेनरिच क्लासेन को 17वें ओवर में आउट कर भारत को बड़ी सफलता दिलाई थी।
शास्त्री ने कहा, ‘‘ इस मैच में दक्षिण अफ्रीका को सबसे बड़ा झटका हार्दिक ने क्लासेन का विकेट लेकर दिया था। लगातार दो ओवर में दो आक्रामक बल्लेबाजों का आउट होना मैच में काफी अहम साबित हुआ।
बुमराह ने विश्व कप में 8.26 की औसत से 15 विकेट लेकर मैन ऑफ द सीरीज बने।
शास्त्री ने 30 वर्षीय खिलाड़ी की तुलना दिवंगत शेन वार्न, वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे पूर्व महान खिलाड़ियों से की।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत कम गेंदबाजों ने ऐसा किया है। मुझे लगा कि जब वसीम (अकरम) और वकार (यूनिस) जब अपने खेल में शीर्ष पर थे तब उनके पास ऐसी क्षमता था। शेन वार्न के पास भी गेंद को नियंत्रित करने की शानदार क्षमता थी। बुमराह भी इस सूची में शामिल हो गया है जो गेंद पर अपने मन के मुताबिक नियंत्रण रख सकता है।’’
भाषा आनन्द सुधीर
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