जलगांव, 22 जनवरी (भाषा) उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। अधिकारियों ने इस हादसे में कम से कम 12 यात्रियों की मौत होने की जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि यह हादसा उस समय हुआ जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए।
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना में 15 अन्य यात्री घायल हो गए। यह दुर्घटना उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के निकट माहेजी और परधाड़े स्टेशन के बीच हुई। यह दुर्घटना उस समय हुई जब शाम करीब 4:45 बजे किसी ने चेन खींच दी जिसके बाद पुष्पक एक्सप्रेस रुक गई।
हालांकि, रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिनगारी या आग के कारण यात्रियों ने अलार्म बजाया।
कुमार ने नयी दिल्ली में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिनगारी या आग नहीं देखी गई।’’
स्विटजरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए।’’
उन्होंने इस त्रासदी में मारे गए यात्रियों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
सेंट्रल सर्किल के रेलवे सुरक्षा आयुक्त दुर्घटना के कारणों की जांच करेंगे।
फडणवीस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जलगांव जिले के पचोरा के पास एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना में लोगों की जान चली गई, जो बेहद दुखद है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।’’
रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
जलगांव जिला सूचना अधिकारी युवराज पाटिल ने बताया कि इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस महज 15 मिनट में ही घटनास्थल से रवाना हो गई, जबकि कर्नाटक एक्सप्रेस को दुर्घटना के 20 मिनट के भीतर ही हटा दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘महाराष्ट्र के जलगांव में रेलवे पटरी पर हुए दुखद हादसे से दुखी हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।’’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को अत्यंत दुखद बताया और कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री फडणवीस से बात की और स्थिति का जायजा लिया।
शाह ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘महाराष्ट्र के जलगांव में हुई रेल दुर्घटना अत्यंत दुखद है। मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस जी से बात की और दुर्घटना के बाद उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय प्रशासन घायलों को हरसंभव सहायता उपलब्ध करा रहा है। मैं इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
विश्व आर्थिक मंच में भाग लेने के लिए वर्तमान में दावोस में मौजूद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया।
रेलवे बोर्ड की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली और सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए।’’
इसमें कहा गया, ‘‘उन्होंने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।’’
इस संबंध में एक यात्री ने मराठी समाचार चैनल को बताया कि जब ब्रेक लगाए गए तो कुछ यात्रियों ने ट्रेन के पहियों से चिनगारियां निकलती देखीं, जिसके बाद वे घबरा गए।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ यात्रियों ने आपातकालीन चेन खींच दी और पटरी पर उतर गए, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।’’
पचोरा निवासी सलमान पठान ने बताया कि उन्होंने पटरियों पर क्षत-विक्षत शव देखे।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार पुष्पक एक्सप्रेस के एक सामान्य कोच में ‘हॉट एक्सल’ या ‘ब्रेक बाइंडिंग’ (जामिंग) के कारण चिनगारी और धुआं निकला।
भाषा
शुभम नेत्रपाल
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