नयी दिल्ली, 27 दिसंबर (भाषा) कश्मीर के कई हिस्सों में शुक्रवार को ताजा बर्फबारी हुई और घाटी में अधिकतर स्थानों पर न्यूनतम तापमान में मामूली वृद्धि हुई, जबकि राजस्थान और दिल्ली में मौसम ठंडा रहा, बादल छाए रहे और बारिश हुई।
पश्चिमी विक्षोभ के कारण देश के तीनों भागों और अन्य स्थानों पर बारिश हुई, राष्ट्रीय राजधानी में 15 वर्षों में दिसंबर में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई तथा दिन का तापमान तेजी से गिरकर 14.6 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।
पंजाब और हरियाणा में भी कई स्थानों पर बारिश हुई, जिससे दोनों स्थानों पर दिन के तापमान में भारी गिरावट आई।
ओलावृष्टि से प्रभावित चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान गिरकर 15.9 डिग्री सेल्सियस हो गया।
मौसम अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, गुरेज, जोजिला एक्सिस, साधना टॉप, मुगल रोड और बांदीपुरा, बारामूला और कुपवाड़ा जिलों के कई इलाकों में बर्फबारी हुई।
श्रीनगर, गांदरबल, अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा जिलों के मैदानी इलाकों में इस मौसम की पहली बर्फबारी हुई। बर्फबारी के कारण श्रीनगर-लेह राजमार्ग और मुगल रोड को बंद करना पड़ा।
कश्मीर में न्यूनतम तापमान हिमांक बिंदु से कई डिग्री नीचे बना हुआ है, हालांकि शुक्रवार को इसमें थोड़ी राहत मिली।
केंद्र शासित प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान दोनों ही सामान्य से नीचे बने हुए हैं – जो मौसम के इस समय के लिए असमान्य है।
कम तापमान के कारण जल आपूर्ति पाइप में पानी जम गया है और डल झील सहित कई जल निकायों की सतह पर बर्फ की पतली परत जम गई।
मौसम विभाग ने बताया कि श्रीनगर में बृहस्पतिवार रात न्यूनतम तापमान शून्य से 7.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। उत्तरी कश्मीर में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो पिछली रात के समान ही था।
विभाग ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में स्कीइंग गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध गुलमर्ग में न्यूनतम तापमान शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
दक्षिण कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से आठ डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया।
वर्तमान में कश्मीर घाटी ‘चिल्ला-ए-कलां’ (भयंकर सर्दी) की चपेट में है। इसे सर्दियों का सबसे कठिन समय माना जाता है, जो 21 दिसंबर से शुरू हुआ था।
‘चिल्ला-ए-कलां’ की 40 दिनों की अवधि के दौरान बर्फबारी सबसे अधिक होती है और तापमान काफी गिर जाता है।
‘चिल्ला-ए-कलां’ अगले साल 30 जनवरी को खत्म होगा, लेकिन शीत लहर जारी रहेगी। 40 दिनों के बाद 20 दिवसीय ‘चिल्ला-ए-खुर्द’ और 10 दिन का ‘चिल्ला-ए-बच्चा’ भी होगा जब घाटी में ठंड में धीरे-धीरे कमी आएगी।
राजस्थान के अधिकतर इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है और पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते शुक्रवार को कई जगह हल्की से मध्यम बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार, बीते चौबीस घंटे में राज्य में कई जगह बादलों की गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश हुई। इस दौरान सीकर, अजमेर, झुंझुनू, नागौर, चुरू तथा हनुमानगढ़ जिले में बारिश हुई।
राज्य के अनेक इलाकों में शुक्रवार को भी घने से अति घना कोहरा छाया रहा। कई दिनों से अनेक इलाके कड़ाके की सर्दी की चपेट में है। बीते चौबीस घंटे में निम्नतम न्यूनतम तापमान चुरू में 5.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, एक नए पश्चिमी विक्षोभ के असर से कोटा, जयपुर, अजमेर, भरतपुर, उदयपुर संभाग तथा शेखावाटी संभाग के कुछ भागों में बादलों की गरज के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश व कहीं कहीं ओलावृष्टि होने का अनुमान है।
दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को बारिश हुई और राष्ट्रीय राजधानी में पिछले 15 वर्षों में दिसंबर में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई तथा तापमान तेजी से गिरकर 14.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।
उसने बताया कि बारिश बृहस्पतिवार देर रात करीब 2.30 बजे शुरू हुई और पूरे दिन जारी रही।
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक के पिछले 24 घंटों में दिल्ली में 9.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग स्थित वेधशाला ने शुक्रवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे के बीच 30.2 मिमी वर्षा दर्ज की।
भाषा शोभना अविनाश
अविनाश