(तस्वीरों के साथ)
सांबा/जम्मू, 12 फरवरी (भाषा) सेना में नायक मुकेश सिंह मन्हास 28 जनवरी को अपनी सगाई होने और नए घर को बनवाने के बाद अपनी यूनिट में वापस गए थे। घर से वापसी के महज 14 दिन बाद मन्हास के एक आईईडी विस्फोट में वीर गति को प्राप्त होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है और भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।
जम्मू-कश्मीर के सांबा निवासी 29 वर्षीय मन्हास की अप्रैल में शादी होने वाली थी। मंगलवार को जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में मन्हास एवं झारखंड के रांची निवासी कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी वीरगति को प्राप्त हो गये थे।
सीमावर्ती जिले सांबा में मन्हास के पैतृक गांव ब्री कामिला में उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी गई तथा उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। शहीद जवान का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
शहीद सैनिक का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा तो माहौल भावुक हो गया। अंतिम यात्रा से पहले उनकी बहनों ने राखी बांधी और सिर पर सेहरा सजाया।
ग्रामीणों ने उन्हें एक उत्साही क्रिकेटर, बहिर्मुखी व्यक्ति और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया।
मन्हास के पिता एवं सेवानिवृत पुलिसकर्मी चगतार सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ उसने सेना में साढ़े नौ साल से ज़्यादा समय तक सेवा की है। हाल में अखनूर आने से पहले वह सियाचिन ग्लेशियर (लद्दाख में), कश्मीर और पंजाब में तैनात रहा। वह अपनी सगाई समारोह के लिए ड्यूटी से दो हफ़्ते की छुट्टी पर आया था और 28 जनवरी को अपनी यूनिट में लौटा था।’’
बेटे की मौत से दुखी पिता ने कहा कि मन्हास की 20-21 अप्रैल को शादी होने वाली थी । मन्हास का छोट भाई भी सेना में है। मन्हास की मौत पर श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में रिश्तेदार एवं पड़ोसी उनके घर पहुंचे थे।
चगतार सिंह ने कहा कि उनका बेटा देश की सेवा करने की इच्छा पूरी करने के लिए बहुत छोटी उम्र में सेना में शामिल हो गया था।
मन्हास के बचपन के दोस्त महेश ने कहा , ‘‘ उसकी दो बहनें हैं जिनमें एक उससे बड़ी और दूसरी उससे छोटी हैं एवं दोनों विवाहित हैं। वह क्रिकेट प्रेमी था और उसने गांव में अपने हाल के प्रवास के दौरान युवाओं के वास्ते क्रिकेट पिच तैयार करने के लिए असाधारण प्रयास किए।’’
अन्य ग्रामीण चुन्नी लाल ने कहा कि कायराना आतंकी हमले में हमने एक बहादुर जवान खो दिया है। उन्होंने कहा कि दुश्मन में हमारे वीर जवानों का सामना करने की हिम्मत नहीं है और वह इस तरह की हरकतें कर रहा है। हमें विश्वास है कि हमारे सुरक्षा बल शहीदों को न्याय दिलाने के लिए उचित कार्रवाई करेंगे।
भाषा राजकुमार पवनेश
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