जबलपुर, 17 अप्रैल (भाषा) मध्यप्रदेश के जबलपुर में बिना अनुमति के संचालित किए जा रहे एक निजी अस्पताल को अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को सील कर दिया और इस दौरान पाया कि आयुर्वेद में प्रशिक्षित एक चिकित्सक वहां एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज कर रहा था।
दमोह के एक अस्पताल में कथित तौर पर लापरवाही से सर्जरी करने वाले ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम की गिरफ्तारी के बाद ऐसे अस्पतालों पर राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच इस निजी अस्पताल को सील किया गया।
यादव को सात अप्रैल को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है।
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (रांझी) आर एस मरावी ने बताया कि जबलपुर के बिलहरी इलाके में स्थित डॉ. दिव्यांश सुलखिया द्वारा संचालित ‘सुलखिया अस्पताल’ को अनिवार्य अनुमति नहीं होने के कारण सील कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि एक निरीक्षण के दौरान यह सामने आया कि डॉ. सुलखिया के पास ‘बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी’ (बीएएमएस) डिग्री है और वह एलोपैथिक दवाओं से मरीजों का इलाज कर रहे थे।
एसडीएम ने कहा, ‘‘100 बिस्तरों के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान, तीन मरीजों का इलाज नर्सिंग स्टाफ के साथ किया जा रहा था।’’
अधिकारी ने बताया कि जब डॉक्टर से अस्पताल चलाने के लिए जरूरी दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो वह इसमें विफल रहे।
उन्होंने कहा कि संबंधित संस्थानों में डॉक्टर की योग्यता से संबंधित दस्तावेजों का आगे सत्यापन करने के बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।
मरावी ने कहा कि जिला प्रशासन ने हाल ही में अस्पतालों और क्लीनिकों का निरीक्षण करने के लिए एक टीम का गठन किया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे वैध दस्तावेजों के साथ चलाए जा रहे हैं या नहीं।
भाषा ब्रजेन्द्र
शफीक
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