जनता को आपातकाल का इतिहास पढ़ाए जाने की जरूरत : फडणवीस |

Ankit
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मुंबई, 16 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भावी पीढ़ियों को आपातकाल के बारे में बताए जाने की बृहस्पतिवार को वकालत की। उन्होंने आपातकाल को एक काला अध्याय बताते हुए कहा कि उस समय संवैधानिक अधिकारों का दमन किया गया था और लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था।


फडणवीस ने मुंबई में फिल्म ‘इमरजेंसी’ की विशेष स्क्रीनिंग के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह हमारे इतिहास का ऐसा दौर था, जब लोगों के अधिकार छीन लिए गए थे। लाखों नेताओं और नागरिकों को दो साल तक जेल में रखा गया था। यह फिल्म आपातकाल के दौरान हुए अत्याचारों को दिखाती है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में लोकतंत्र को जीवित रखने के लिए लोगों को आपातकाल का इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए।

‘इमरजेंसी’ का निर्देशन भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने किया है। उन्होंने फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका भी निभाई है। यह फिल्म 1975 से 1977 के बीच इंदिरा की ओर से लगाए गए 21 महीनों के आपातकाल पर आधारित है।

फडणवीस ने कहा, ‘‘कंगना ने इंदिरा गांधी के किरदार को प्रभावी ढंग से निभाया है। फिल्म न केवल आपातकाल के काले दौर को उजागर करती है, बल्कि 1971 के युद्ध और उनके (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी) जीवन को भी दर्शाती है।’’

फडणवीस ने आपातकाल के दौरान अपने निजी अनुभव को याद करते हुए कहा, ‘‘मैं तब 5-6 साल का था और उस दौरान मेरे पिता दो साल तक जेल में रहे थे। अगली पीढ़ियों को आपातकाल के दौरान किए गए अत्याचारों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’’

फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय संविधान को कुचलकर पूरे देश को जेल में बदल दिया था, लेकिन अब लगातार उसी संविधान का राग अलाप रही है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के इतिहास को सामने लाने की जरूरत है।

‘इमरजेंसी’ 17 जनवरी को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी।

भाषा धीरज पारुल

पारुल



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