( तस्वीर सहित )
नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के दो प्रमुख घटक दलों जनता दल (यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि इससे वक्फ से जुड़ी संस्थाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
हालांकि, तेदेपा ने कहा कि इस विधेयक पर व्यापक विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए।
जद(यू) के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, ‘‘कई (विपक्षी) सदस्यों की बातों से लग रहा है कि यह विधेयक मुसलमान विरोधी है। यह कैसे मुसलमान विरोधी है?’’
उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने मंदिरों की बात की है, लेकिन मंदिर और संस्था में अंतर है।
ललन सिंह ने कहा कि मस्जिदों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
जद (यू) सांसद ने कहा, ‘‘वक्फ संस्था को पारदर्शी बनाने के लिए यह संशोधन लाया जा रहा है।’’
उन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया, ‘‘हजारों सिखों को किसने मारा?’’
सिंह ने कहा कि विधेयक आना चाहिए और वक्फ संस्थाओं में पारदर्शिता लानी चाहिए।
तेदेपा सांसद जीएम हरीश बालयोगी ने कहा कि अगर विधेयक संसदीय समिति को भेजा जाता है तो उनकी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ वक्फ दानदाताओं के उद्देश्य की रक्षा की जानी चाहिए। जब उद्देश्य और शक्ति का दुरुपयोग होता है तो सुधार लाना और प्रणाली में पारदर्शिता लाना सरकार की जिम्मेदारी है।’’
बालयोगी ने कहा कि वह सरकार के इस प्रयास का समर्थन करते हैं।
तेदेपा सांसद ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण से देश के गरीब मुसलमानों और महिलाओं को मदद मिलेगी और पारदर्शिता आएगी।’’
उन्होंने कहा कि अगर विधेयक को आगे परामर्श के लिए संसद की समिति के पास भेजा जाता है तो उनकी पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर गलतफहमी दूर करने, गलत सूचना को रोकने और विधेयक के उद्देश्य से अवगत कराने के लिए व्यापक परामर्श की आवश्यकता है, तो हमें इसे प्रवर समिति को भेजने में कोई समस्या नहीं है।’’
भाषा हक
हक मनीषा
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