जद(यू) से जुड़े लोगों का इस्तीफा जारी |

Ankit
4 Min Read


पटना, चार अप्रैल (भाषा) संसद में वक्फ विधेयक का समर्थन करने से पैदा हुए विवाद का असर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) पर भी पड़ा है जहां पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा का दावा करने वाले एक और व्यक्ति ने इस रुख के विरोध में शुक्रवार को इस्तीफा देने की घोषणा कर दी।


जद(यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने हालांकि कहा कि कथित इस्तीफे ‘‘फर्जी’’ हैं क्योंकि इस पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्य ‘‘संगठन (पार्टी) में कभी किसी पद पर नहीं रहे हैं।’’

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ‘‘जद(यू) के सभी कार्यकर्ता पूरी तरह से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के इस फैसले के समर्थन में खड़े हैं क्योंकि इससे करोड़ों गरीब मुसलमानों को लाभ मिलेगा।’’

प्रसाद ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब मीडिया में जारी कुछ खबरों में तबरेज सिद्दीकी द्वारा इस्तीफा दिए जाने की सूचना सामने आई है। सिद्दीकी ने दावा किया था कि वह जद(यू) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राज्य महासचिव हैं।

इससे पहले, पूर्वी चंपारण से मोहम्मद कासिम अंसारी और जमुई से नवाज मलिक ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया पर जद(यू) से इस्तीफा दिए जाने के अपने पत्र साझा किए थे। इससे पार्टी में संकट की अटकलें तेज हो गई हैं।

प्रसाद ने दावा किया , ‘‘हमारे पास विश्वसनीय जानकारी है कि इस्तीफे का नाटक करने वाले लोगों में से एक अन्य संगठन से जुड़ा है जबकि दूसरे ने पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी में कई मुस्लिम नेता हैं और अगर उन्हें कोई गंभीर संदेह है तो यह चिंता का विषय है। लेकिन, स्थिति ऐसी नहीं है। कल से जो तमाशा चल रहा है उसके पीछे कोई साजिश नजर आती है।’’

जद (यू) के जाने-माने दो नेता राष्ट्रीय महासचिव गुलाम रसूल बलियावी और बिहार शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफजल अब्बास ने बृहस्पतिवार को कहा था कि संसद द्वारा पारित विधेयक में समुदाय के नेताओं द्वारा दिए गए कई सुझावों को ध्यान में नहीं रखा गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष जब इसका मसौदा था तो कई सुझाव दिए गए थे।

दोनों नेताओं ने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक का समर्थन करने के लिए पार्टी के नेतृत्व की स्पष्ट रूप से आलोचना नहीं की।

विधेयक के संबंध में जद (यू) के फैसले से नाराज हुए लोगों का मानना है कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका (विधेयक का समर्थन करने) गंभीर परिणाम हो सकता है।

दशकों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का सहयोगी होने के बावजूद मुख्यमंत्री की ‘‘धर्मनिरपेक्ष’’ नेता की छवि होने के कारण जद(यू) को कुछ मुस्लिम वोट मिलते रहे हैं।

जद(यू) के एक पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक शुक्रवार को निर्धारित की गई थी, लेकिन ‘‘इसे अंतिम समय में इस डर से रद्द कर दिया गया कि कहीं इसकी खामियां उजागर न हो जाएं।’’

इस बीच, बिहार के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर छेड़छाड़ की गई एक तस्वीर साझा कर निशाना साधा।

इस तस्वीर में जद(यू) के प्रमुख खाकी रंग के शॉर्ट्स और काली टोपी पहने हुए नजर आ रहे हैं। आमतौर पर भाजपा के मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य ऐसे कपड़े पहनते हैं।

राजद ने यह तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘‘संघ प्रमाणित मुख्यमंत्री चीट-ईश कुमार, हैशटैग वक्फसंशोधनविधेयक।’’

भाषा प्रीति नरेश

नरेश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *