रायपुर, 15 फरवरी (भाषा) छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अब राज्य के अधिकांश नगरीय निकायों के चुनावों में भी जीत हासिल की है।
राज्य में भाजपा ने महापौर के सभी 10 पदों पर जीत हासिल की है।
विपक्षी दल कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन वह जशपुर जिले के कुनकुरी नगर पंचायत में अध्यक्ष पद जीतने में सफल रही। जशपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का गृह जिला है।
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि 10 नगर निगमों, 49 नगरपालिका परिषदों और 114 नगर पंचायतों सहित 173 नगरीय निकायों के लिए 11 फरवरी को चुनाव हुए थे, जिसमें 72.48 प्रतिशत मतदान हुआ था।
अधिकारियों ने बताया कि मतगणना शनिवार को हुई। नतीजों के अनुसार, भाजपा ने सभी 10 नगर निगमों में महापौर के पद पर जीत हासिल की है। 2019-2020 में हुए पिछले स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस ने इन सभी सीटों पर कब्जा किया था।
उन्होंने बताया कि राज्य की 49 नगरपालिका परिषदों में अध्यक्ष पद में से भाजपा ने 35, कांग्रेस ने आठ, आम आदमी पार्टी (आप) ने एक, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों ने पांच सीट पर कब्जा किया। इसी तरह 114 नगर पंचायतों में से 81 में अध्यक्ष पद पर भाजपा विजयी हुई, 22 में कांग्रेस, एक में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और 10 में निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए।
भाजपा ने अधिकांश नगर निगम वार्ड जीते हैं। रायपुर नगर निगम में भाजपा ने 70 में से 60 वार्ड जीते, जबकि कांग्रेस सात जीतने में सफल रही। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों ने तीन पर जीत हासिल की।
राज्य के प्रतिष्ठित रायपुर नगर निगम में भाजपा की मीनल चौबे ने 3,15,835 वोट हासिल किए। उन्होंने कांग्रेस की दीप्ति दुबे को हराया। दुबे को 1,62,545 वोट मिले। वहीं राजनांदगांव नगर निगम में भाजपा के उम्मीदवार और पूर्व सांसद मधुसूदन यादव (62,517 वोट) ने कांग्रेस के उम्मीदवार निखिल द्विवेदी (21,379 वोट) को 41,148 वोटों के अंतर से हराकर महापौर पद पर जीत हासिल की।
राज्य के उत्तरी क्षेत्र अंबिकापुर नगर निगम में भाजपा की मंजूषा भगत (42,836 वोट) ने कांग्रेस के डॉक्टर अजय तिर्की (31,773 वोट) को 11,063 वोटों के अंतर से हराकर महापौर पद जीता। कांग्रेस के विनयशील गुप्ता ने कुनकुरी नगर पंचायत (जशपुर जिला) में भाजपा के सुबदल राम यादव को 81 वोटों के अंतर से हराकर अध्यक्ष पद जीता। मुख्यमंत्री साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इसी तरह, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह क्षेत्र पाटन विधानसभा सीट (दुर्ग जिला) में भाजपा उम्मीदवार ने पाटन नगर पंचायत में अध्यक्ष पद जीता।
नगरीय निकाय चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसे ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा।
साय ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”आज का दिन भाजपा और छत्तीसगढ़ सरकार के लिए ऐतिहासिक है। यह छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित होगा क्योंकि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।”
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता और मतदाताओं ने भाजपा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, मोदी की गारंटी और राज्य सरकार के विकास कार्यों में विश्वास जताया है, जिसके लिए वह उनका आभार व्यक्त करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”कांग्रेस वादे तो करती है लेकिन बाद में उन्हें पूरा नहीं करती, लेकिन भाजपा अपने वादे पूरे करेगी।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने महापौर पद का अप्रत्यक्ष चुनाव (पिछली बार 2019-2020 में) कराकर लोकतंत्र की हत्या की है।
साय ने कहा कि रायगढ़ नगर निगम में पार्टी ने महापौर पद के लिए चाय बेचने वाले जीववर्धन चौहान को मैदान में उतारा था और उन्होंने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है।
चौहान ने 56,311 वोट हासिल किए और कांग्रेस की जानकी काटजू को 34,365 वोटों के अंतर से हराया। काटजू को 21,946 वोट मिले।
कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर पार्टी की हार के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, ”हम जनता के जनादेश का सम्मान करते हैं और मैं आश्वासन देता हूं कि क्षेत्र में विकास कार्य नहीं रुकेंगे।”
पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर निशाना साधते हुए साय ने कहा कि कांग्रेस ने (शुक्रवार को) उन्हें महासचिव बनाकर बघेल का सम्मान किया, लेकिन उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उन्हें अलग तरीके से धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि उनके (बघेल) निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने कांग्रेस को पूरी तरह से नकार दिया है, जिससे दो नगर पंचायतों और एक नगर परिषद (पाटन विधानसभा क्षेत्र में) में अध्यक्ष पद हार गए।
स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि चुनाव परिणाम पार्टी की उम्मीद के मुताबिक नहीं थे, लेकिन वह लोगों के जनादेश का सम्मान करते हैं।
बैज ने कहा, ‘चुनाव परिणाम हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं हैं, लेकिन जनादेश स्वीकार्य है। कांग्रेस ने पूरी ताकत और एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा। हमारे सभी वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया। कांग्रेस ने पूरे चुनाव में अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। स्थानीय निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया। पहले चुनाव टालने की कोशिश की गई, फिर चुनाव की तारीखें आगे बढ़ा दी गईं। पहले घोषणा की गई थी कि चुनाव बैलेट पेपर से होंगे, बाद में ईवीएम से कराने का फैसला किया गया। इसके साथ वीवीपैट की व्यवस्था नहीं की गई थी। मतदान के दौरान 100 से अधिक जगहों से ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें मिलीं और किसी तरह मतदान पूरा हुआ।”
बैज ने कहा, ‘हम नतीजों से निराश जरूर हैं, लेकिन हताश नहीं हैं। मुख्य विपक्षी दल होने के नाते हम जनता के मुद्दों को लेकर लड़ते रहेंगे। भाजपा सरकार के कुशासन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।’
2019-2020 में हुए पिछले नगरीय निकाय चुनाव में 151 नगरीय निकायों में चुनाव हुए थे, जिनमें 10 नगर निगम, 38 नगर परिषद और 103 नगर पंचायत शामिल थे। पिछली बार राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने इन सभी 10 नगर निगमों में महापौर, 28 नगर पालिका परिषदों और 58 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद पर कब्जा किया था। तब भाजपा ने पिछली बार 10 नगर पालिका परिषदों और 35 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद हासिल किया था, जबकि निर्दलीय उम्मीदवारों और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने क्रमशः आठ और दो नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद जीते थे।
पिछली बार महापौर और नगर परिषदों तथा नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों के लिए चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से हुआ था, जिसके अनुसार जनता ने सीधे पार्षदों को चुना था और फिर चुने हुए पार्षदों ने अपने बीच से नगर निगमों के महापौर और अन्य नगर निकायों के अध्यक्षों का चुनाव किया था। यह अप्रत्यक्ष विधि प्रणाली 2019 में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार द्वारा शुरू की गई थी।
हालांकि, इस बार साय सरकार ने प्रत्यक्ष चुनाव की पिछली प्रणाली को बहाल कर दिया था, जिसके अनुसार लोगों ने नगर निकायों के महापौर और अध्यक्षों के चुनाव के लिए सीधे मतदान किया।
भाषा
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