चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के शासन के 75 वर्ष पूरे |

Ankit
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बीजिंग, एक अक्टूबर (एपी) आर्थिक चुनौतियों और सुरक्षा संबंधी खतरों के बीच चीन ‘कम्युनिस्ट पार्टी’ के शासन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।


‘तियानमेन स्क्वैयर’ पर मंगलवार को ध्वजारोहण समारोह के अलावा, इस अवसर पर कोई और उत्सव मनाने की घोषणा नहीं की गई है। इससे पहले पार्टी के शासन की 60वीं और 70वीं वर्षगांठ पर सैन्य परेड और देश की आर्थिक ताकत का प्रदर्शन करने वाले समारोह आयोजित किए गए थे।

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, कोविड-19 महामारी के बाद गति हासिल करने के लिए संघर्ष कर रही है।

संपत्ति के क्षेत्र में लंबे समय से मंदी का, निर्माण से लेकर घरेलू उपकरणों की बिक्री तक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर असर पड़ा। चीन के केंद्रीय बैंक ने संपत्ति क्षेत्र में मंदी से निपटकर सुस्त अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से कई कदम उठाने की पिछले सप्ताह घोषणा की थी। उसने बैंकों के लिए आवश्यक आरक्षित दर (रिजर्व रेट) में कटौती करने की घोषणा की की।

पार्टी नेता और राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने महामारी के बाद से विदेश यात्रा से मुख्य रूप से परहेज किया है। उन्होंने अपने देश में उन शीर्ष अधिकारियों की छंटनी की है, जो उनके पर्याप्त रूप से वफादार नहीं माने जाते या जिन पर भ्रष्टाचार का आरोप है।

पार्टी के शासन के 75 साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर आयोजित भोज के दौरान शी ने कहा, ‘‘आगे की राह आसान नहीं होगी, कठिनाइयां और बाधाएं निश्चित रूप से आएंगी तथा हमें तेज हवाओं और समुद्र की तूफानी लहरों जैसी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें शांति के समय में सतर्क रहना चाहिए, आगे की योजना बनानी चाहिए और पूरी पार्टी, पूरी सेना और देश भर के सभी जातीय समूहों के लोगों पर पूरा भरोसा करना चाहिए। कोई भी कठिनाई चीनी लोगों को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।’’

यह वर्षगांठ ऐसे समय में मनाई जा रही है, जब दक्षिण चीन सागर में दावों को लेकर चीन का जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन के साथ विवाद बढ़ रहा है। इसके अलावा इन पड़ोसी देशों के, चीनी प्रतिद्वंद्वी अमेरिका के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण भी चीन की चिंता बढ़ रही है।

माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्टों ने 1949 में राष्ट्रवादियों (जिन्हें केएमटी के नाम से भी जाना जाता है) के साथ गृह युद्ध के दौरान सत्ता पर कब्जा कर लिया था। चियांग काई शेक के नेतृत्व में राष्ट्रवादियों ने अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य ताकत को अब स्वशासित लोकतांत्रिक द्वीप ताइवान में स्थानांतरित कर दिया था।

चीन इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि ताइवान को कम्युनिस्ट पार्टी के शासन में मिलाया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो इसके लिए बल का भी प्रयोग करना चाहिए। दूसरी ओर, अमेरिका ने ताइवान की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए उसे हथियार मुहैया कराए हैं।

एपी मनीषा सिम्मी

मनीषा



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