चिकित्सा उपकरण उभरता क्षेत्र, 2030 तक 30 अरब डॉलर होने का अनुमानः अनुप्रिया पटेल

Ankit
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नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बृहस्पतिवार को चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को देश का एक उभरता हुआ क्षेत्र बताते हुए कहा कि वर्ष 2030 तक इसका आकार करीब 30 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।


पटेल ने यहां उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की तरफ से आयोजित 21वें स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की बढ़ती स्वास्थ्य सेवा जरूरतों, प्रौद्योगिकी नवाचारों, सरकारी समर्थन और उभरते बाजार में पैदा होने वाले अवसरों से चिकित्सा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपार वृद्धि की क्षमता पैदा होती है।

उन्होंने ‘भारत की चिकित्सा-प्रौद्योगिकी क्रांति की रूपरेखा’ विषय पर आयोजित सत्र में कहा, ‘‘भारत में चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को एक उभरते क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। करीब 14 अरब डॉलर के आकार का भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र वर्ष 2030 तक बढ़कर 30 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है।’’

पटेल ने कहा कि जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद भारत एशिया में चिकित्सा उपकरण का चौथा बड़ा बाजार है और यह शीर्ष 20 वैश्विक चिकित्सा उपकरण बाजारों में भी शामिल है।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा-प्रौद्योगिकी उद्योग न केवल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का एक घटक है बल्कि एक मजबूत एवं अधिक समतामूलक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए मरीजों, सेवा प्रदाताओं और नियामकों को जोड़ने वाला उत्प्रेरक भी है।

पटेल ने स्वास्थ्य सेवा में कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल पर कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों को सुविधाजनक बनाने और नए अवसरों की तलाश के लिए नए तरीके ईजाद करने को स्वास्थ्य सेवा के भीतर एआई नवाचार महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण एवं शोध को बढ़ावा देने, कौशल विकास को बढ़ाने और वैश्विक बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘स्वत: मंजूर मार्ग के तहत 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा सरकार ने चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद का निर्माण और राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्धन परिषद का पुनर्गठन भी किया है।

पटेल ने 400 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ चिकित्सा उपकरण पार्कों को बढ़ावा देने की योजना लाए जाने की भी जानकारी दी। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100-100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय



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