नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर ( भाषा ) ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल 2026 से हॉकी के बाहर होने पर निराशा जताते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल महासंघ ने वादा किया है कि यह एकमात्र अपवाद है और भविष्य में हॉकी खेलों का हिस्सा रहेगी ।
ग्लासगो ने हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती, क्रिकेट और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को 2026 में होने वाले खेलों के कार्यक्रम हटा दिया है तथा केवल 10 खेलों को इसमें जगह दी गई है। लागत को सीमित करने के लिए टेबल टेनिस, स्क्वाश और ट्रायथलॉन को भी हटा दिया गया है ।
एफआईएच ने एक बयान में कहा ,‘‘ ग्लासगो खेलों में हॉकी को शामिल नहीं करने के सीजीएफ के फैसले से हम सभी निराश हैं क्योंकि 1998 के बाद से हर संस्करण में हॉकी इन खेलों का हिस्सा रहा है जिस पर हमें गर्व है ।’’
इसमें कहा गया ,‘‘ सीजीएफ ने विक्टोरिया सरकार के नाम वापिस लेने के बाद बहुत कम समय में नये मेजबान की घोषणा की जिसकी वजह से कुछ खेल हटाने पड़े । अब 19 की बजाय ग्लासगो खेलों में 10 ही खेल होंगे लिहाजा हॉकी की वही स्थिति है जो बाकी आठ खेलों की है ।’’
बयान में आगे कहा गया ,‘‘ सीजीएफ ने हालांकि एफआईएच से साफ तौर पर कहा है कि यह फैसला एक अपवाद है और इससे भविष्य में राष्ट्रमंडल खेलों में हॉकी की भागीदारी पर असर नहीं पड़ेगा ।’’
इसमें कहा गया ,‘‘सीजीएफ ने पुष्टि की है कि हॉकी उसके लिये, उसके सदस्यों और राष्ट्रमंडल आंदोलन के लिये महत्वपूर्ण खेल है । हम भविष्य में राष्ट्रमंडल आंदोलन में हॉकी के लिये संभावनाओं पर बातचीत के उनके न्योते का स्वागत करते हैं ।’’
हॉकी को बाहर करने का कारण यह भी हो सकता है कि इन खेलों के समाप्त होने के दो सप्ताह बाद 15 से 30 अगस्त तक वावरे, बेल्जियम और एम्स्टेलवीन, नीदरलैंड में हॉकी विश्व कप का आयोजन किया जाएगा।
पहले इन खेलों का आयोजन ऑस्ट्रेलिया के राज्य विक्टोरिया में होना था लेकिन बढ़ती लागत को देखते हुए वह मेजबानी से हट गया था। इसके बाद स्कॉटलैंड ने खेलों की मेजबानी करने के लिए हामी भरी थी।
खेलों से हॉकी का बाहर होना भारत के लिए एक बड़ा झटका होगा। भारत की पुरुष टीम ने तीन रजत और दो कांस्य पदक जीते हैं, जबकि महिलाओं ने 2002 मैनचेस्टर खेलों में ऐतिहासिक स्वर्ण सहित तीन पदक जीते हैं।
भाषा
मोना सुधीर
सुधीर