नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के अनैतिक उपयोग को रोकने और इसका प्रभावी इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और नीतिगत समर्थन के साथ एक मजबूत नियामक ढांचा बनाने की जरूरत है।
गोयल ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी एक साधन बन सकती है, लेकिन कभी भी मानव मस्तिष्क की जगह नहीं ले सकती है।
गोयल ने हितधारकों से कहा, ”हमें सही नियामक ढांचा बनाने के लिए मदद कीजिए। जरूरी नहीं कि इसमें केवल कॉपीराइट, ट्रेडमार्क या पेटेंट से जुड़े मुद्दे ही हों, बल्कि कानून के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा मजबूत नियमन बनाएं, जो एआई के दुरुपयोग या अनैतिक उपयोग दोनों का सामना कर सके और जो आधुनिक प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग का भी समर्थन करे।”
उन्होंने यहां ‘विधि प्रगति: राष्ट्रीय आईपी छात्र अदालत प्रतियोगिता, 2025’ के उद्घाटन समारोह में कहा कि एआई और कॉपीराइट का विषय इस समय बहुत प्रासंगिक है।
उन्होंने कहा कि एआई में आज लोगों के काम करने के तरीके को बाधित करने की पूरी क्षमता है। एक ओर, यह रचनात्मकता को बढ़ा सकता है, दूसरी ओर यह वास्तविक नवाचार करने वालों के अधिकारों को भी बाधित कर सकता है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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