नयी दिल्ली, छह अप्रैल (भाषा) स्वास्थ्य विशेषज्ञों और रोगियों के अधिवक्ताओं के एक समूह ने गैर-संचारी रोगों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए शीघ्र निदान, निवारक स्वास्थ्य सेवा और मजबूत नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने सूचना के आभाव को दूर करने में मीडिया की भूमिका को भी रेखांकित किया है।
शिक्षा और सामुदायिक स्वास्थ्य के लिए वकालत संसाधन समूह (आरईएसीएच) की ओर से पिछले सप्ताह आयोजित एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) के बढ़ते बोझ एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य की समझ को बेहतर बनाने में मीडिया की महती भूमिका पर चर्चा की गयी ।
आरईएसीएच की उप निदेशक अनुपमा श्रीनिवासन ने एनसीडी और तपेदिक पर रिपोर्टिंग की गुणवत्ता एवं इसमें सुधार के लिए मीडिया के साथ समूह के काम पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, ‘एनसीडी के प्रति प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत नई है और सूचना के अंतर को पाटा जाना चाहिए। आरईएसीएच की प्रतिबद्धता गैर-संचारी रोगों के बारे में डेटा-संचालित और साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग को प्रोत्साहन प्रदान करना है।’’
भाषा रंजन प्रशांत
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