(चौथे पैरा में एक शब्द में सुधार के साथ)
फिरोजाबाद, 14 अप्रैल (भाषा) उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में गैर जमानती वारंट की तामील करते समय ‘रिटर्न’ दाखिल करते हुए गलती से आरोपी के स्थान पर एक न्यायाधीश का नाम लिखने पर एक पुलिस उप निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच का आदेश दिया गया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना पिछले सप्ताह फिरोजाबाद जिले के थाना उत्तर में हुई थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने चोरी के एक मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
यह त्रुटि सामने आने के तुरंत बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सौरभ ने कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक बनवारी लाल को निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ क्षेत्राधिकारी अनूप कुमार चौरसिया को विभागीय जांच सौंप दी।
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) रविशंकर प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि थाना उत्तर अंतर्गत निवासी राजकुमार के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि वारंट की तामील रिपोर्ट तैयार करते समय उप निरीक्षक बनवारी लाल ने गलती से अपर सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) नगमा खान का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज कर दिया।
इस रिपोर्ट में कहा गया कि ‘‘आरोपी’’ वारंट की तामील करते समय उस स्थान पर नहीं पाया गया।
जिला पुलिस प्रमुख ने कहा कि मामले को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने उपनिरीक्षक को लाइन हाजिर करने का आदेश दिया तथा इस ‘‘गंभीर’’ गलती का कारण जानने के लिए घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
भाषा सं राजेंद्र सिम्मी
सिम्मी
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