गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता रीतम सिंह को जमानत दी, पार्टी को नए मामले दर्ज होने की आशंका

Ankit
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गुवाहाटी/मोरीगांव, 29 मार्च (भाषा) गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कांग्रेस के प्रवक्ता रीतम सिंह को अंतरिम जमानत दे दी, जिन्हें सोशल मीडिया पर दो मौजूदा विधायकों समेत भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की स्थिति के बारे में सवाल पूछने संबंधी एक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था।


कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि हालांकि, सिंह को लखीमपुर जेल से अभी रिहा किया जाना बाकी है क्योंकि कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई है और सिंह के वकील ‘मोरीगांव पुलिस द्वारा उनके खिलाफ नए मामले दर्ज किए जाने की आशंका पर गौर कर रहे हैं।’’

सिंह को 15 मार्च को लखीमपुर पुलिस की एक टीम ने गुवाहाटी पुलिस की सहायता से गुवाहाटी में स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था और तब से वह लखीमपुर में न्यायिक हिरासत में हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता बेदब्रत बोरा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सिंह को बृहस्पतिवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 50,000 रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत दे दी है।

बोरा ने कहा, ‘‘उनके वकील लखीमपुर पहुंच गए हैं, लेकिन आज उन्होंने आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं कीं। हमें पता चला है कि मोरीगांव पुलिस की एक टीम वहां पहुंच गई है। हम उनके खिलाफ नए मामले दर्ज होने की आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने पुलिस पर अत्याचार का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है। जैसे ही किसी व्यक्ति को जमानत मिलती है, पुलिस दूसरा आरोप लगाने की कोशिश करने लगती है।’’

मोरीगांव के पुलिस अधीक्षक हेमंत कुमार दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ से पुष्टि की कि उनके जिले की एक टीम लखीमपुर में है।

इससे पहले, लखीमपुर के पुलिस अधीक्षक मिहिरजीत गायन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि सिंह को 13 मार्च को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के लिए भाजपा विधायक मानव डेका की पत्नी की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था।

सिंह ने 13 मार्च को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया था, जिसमें 2021 में धेमाजी जिले में बलात्कार के एक मामले में तीन व्यक्तियों को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने की खबर थी।

कांग्रेस नेता ने पोस्ट में सवाल किया था, “इन दोषियों को वह सजा मिली जिसके वे हकदार थे। असम भाजपा ने मंत्री और विधायक मानव डेका, पूर्व पार्टी अध्यक्ष भावेश कालिता, पूर्व मंत्री राजेन गोहेन जैसे आरोपियों पर क्या आरोप लगाया? क्या कानून सबके लिए समान है?’’

इस साल जनवरी तक भाजपा की असम इकाई के अध्यक्ष रहे कालिता और डेका विधायक हैं, जबकि गोहेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान केंद्रीय रेल राज्य मंत्री थे।

भाषा जोहेब शोभना

शोभना



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