गाजियाबाद (उप्र), सात अप्रैल (भाषा) गाजियाबाद की एक अदालत ने तीन साल की दलित बच्ची से दुष्कर्म के मामले में सोमवार को आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपिका तिवारी ने सोमवार को आरोपी विकास को दोषी करार देते हुए 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न चुकाने की स्थिति में एक साल की सजा और बढ़ा दी जाएगी। बखरवा ने बताया कि जुर्माने की राशि लड़की के कल्याण के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
इस घटना के संदर्भ में उन्होंने बताया कि दिसंबर, 2018 को लोनी बॉर्डर थाना क्षेत्र में तीन वर्षीय एक बच्ची लापता हो गयी, जिसके बाद उसके माता-पिता ने उसकी तलाश शुरू की। उस दिन शाम करीब छह बजे वे बम्हेटा नहर के तटबंध के पास पहुंचे, जहां उन्हें एक गड्ढे से बच्ची की चीखने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने अपनी बेटी और विकास नामक एक युवक को नग्न अवस्था में देखा जो उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। दुष्कर्म पीड़िता के पिता ने स्थानीय लोगों की मदद से विकास को पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया। बच्ची को मेडिकल जांच के लिए जीटीबी अस्पताल भेजा गया।
मेडिकल जांच रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि लड़की के साथ दुष्कर्म हुआ है। उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने विवेचना पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने सुनवाई पूरी कर आरोपी को सजा सुनाई।
भाषा
सं, आनन्द, रवि कांत रवि कांत