गाजा पट्टी से 15 महीने की कैद के बाद रिहा किए गए पांचों थाई बंधक स्वस्थ : इजराइली चिकित्सक |

Ankit
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बीर याकोव (इजराइल), 31 जनवरी (एपी) गाजा पट्टी में एक वर्ष से अधिक समय तक बंधक बनाए गए थाईलैंड के एक व्यक्ति को रिहाई के बाद बृहस्पतिवार को जब ‘फेसबुक लाइवस्ट्रीम’ पर देखा गया तो वह इतना बदल चुका था कि एक पल के लिए उसकी मां तक उसे नहीं पहचान पाई।


सुरसाक लमनाउ (32) को सात अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजराइल के शहर येशा से अगवा किया गया था। उसकी मां खम्मी लमनाउ ने कहा कि उनके बेटे का चेहरा पीला पड़ गया और वह सूजन से फूला हुआ दिख रहा था।

अपने बेटे की रिहाई के बाद ‘एसोसिएटेड प्रेस’ के साथ ‘वीडियो कॉल’ पर खम्मी ने कहा, ‘‘मैं इतनी खुश थी कि मेरी भूख प्यास सब बंद हो गई, उसके पिता मेरे लिए खाने को कुछ लाए लेकिन मैं कुछ भी नहीं खाना चाहती थी।’’

तेल अवीव के बाहरी क्षेत्र स्थित एक अस्पताल में बृहस्पतिवार को उस समय इजराइली चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों समेत थाइलैंड के प्रतिनिधियों में खुशी की लहर दौड़ गई जब थाइलैंड के पांचों बंधक सेना के एक हेलीकॉप्टर से उतरकर अस्पताल में दाखिल हुए। वे मेडिकल परीक्षण और स्वास्थ्य लाभ के लिए कुछ दिन इस अस्पताल में रहेंगे।

बृहस्पतिवार को इजराइल के तीन नागरिकों को भी रिहा किया गया और इसके बदले में इजराइल ने 110 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया।

सुरसाक के अलावा, वाचारा श्रीओउन (33), साथियान सुवांकम (35), पोंगसाक थाएन्ना (36) और बन्नावत सीथाओ (27) को बृहस्पतिवार को रिहा कर दिया गया।

हमास के चरमपंथियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमले के दौरान थाईलैंड के 31 नागरिकों को बंधक बना लिया था। थाईलैंड के कई कृषि श्रमिक दक्षिणी इजराइली किबुत्ज़िम और कस्बों के बाहरी इलाकों में स्थित परिसरों में रहते थे और हमास के आतंकवादियों ने सबसे पहले उन जगहों पर कब्ज़ा किया।

नवंबर 2023 में हुए पहले संघर्ष विराम समझौते के दौरान, कतर और ईरान की सहायता से थाईलैंड और हमास के बीच हुए समझौते के तहत 23 थाई नागरिकों को रिहा किया गया था।

थाईलैंड के विदेश मंत्रालय के अनुसार, संघर्ष के दौरान 46 थाई नागरिक मारे गए हैं, जिनमें वो दो थाई नागरिक भी शामिल हैं जिनकी सात अक्टूबर 2023 को हत्या कर दी गई और उनके शव गाजा ले जाए गए।

तेल अवीव के बाहर स्थित शमीर मेडिकल सेंटर की निदेशक डॉ. ओस्नात लेवजियोन-कोराच ने कहा कि उन पांचों लोगों का स्वास्थ्य ‘ठीक’ है, जिन्हें बंधक बनाया गया था। हालांकि उनमें से अधिकतर को भूमिगत रखा गया था और उन्हें लंबे समय तक सूर्य के प्रकाश में नहीं रखा गया था।

एपी यासिर प्रशांत

प्रशांत



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