गर्मी में जनता को पानी के लिए परेशान होना पड़ा, तो जिम्मेदार अधिकारियों की खैर नहीं : भजनलाल शर्मा |

Ankit
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जयपुर, 10 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तापमान में अचानक हुई बढ़ोतरी के बाद पेयजल की मांग और उपलब्धता की स्थिति की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की।


मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि गर्मी में जनता को अगर पानी के लिए परेशान होना पड़ा, तो जिम्मेदार अधिकारियों की खैर नहीं है।

हाल में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने झालावाड़ में पानी की व्यवस्था को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा था, ‘अधिकारी सो रहे हैं, जनता रो रही है, मैं ऐसा नहीं होने दूंगी।

उसके बाद विपक्षी कांग्रेस ने भजनलाल सरकार को घेर लिया था।

शर्मा ने बृहस्पतिवार को पानी की व्यवस्था की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री निवास पर बैठक बुलाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ी है, ऐसे में आमजन को बढ़ी हुई मांग के अनुसार पर्याप्त पेयजल मुहैया करवाया जाए।

उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी आकस्मिक योजना के अनुसार पेयजल प्रबंधन स्वयं की देखरेख में सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की किसी तरह की किल्लत नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतिम छोर के उपभोक्ताओं को भी पेयजल की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में पीएचईडी के फील्ड अधिकारी एवं कर्मचारी मुख्यालय पर उपस्थित रहें तथा बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि गर्मी को देखते हुए नए ‘हैण्डपम्प’, नलकूप लगाने, पुराने ‘हैण्डपम्प’, नलकूपों की मरम्मत, पाइपलाइनों को दुरस्त करने समेत पेयजल आपूर्ति सुदृढ़ीकरण के सभी कार्य के 15 मई से पहले हर हाल में पूरे किए जाएं।

उन्होंने कहा कि पेयजल समस्या के समाधान के लिए जिलाधिकारियों को एक-एक करोड़ रुपए का ‘अनटाइड फंड’ उपलब्ध करवाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 मई से पहले गत वर्ष बजट में स्वीकृत सभी ‘हैंडपम्प’ और नलकूपों को चालू कर दिया जाए तथा इस बजट में स्वीकृत किए गए 1000 नए नलकूप और 2500 नए ‘हैण्डपम्प’ की वित्तीय स्वीकृति भी जल्द जारी कर कार्य शीघ्र शुरू किया जाए।

बैठक में बताया गया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए अप्रैल माह में दो लाख 35 हजार से अधिक ‘हैण्डपम्प’ की मरम्मत की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में गर्मी के दौरान पेयजल आपूर्ति की सुचारू व्यवस्था के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 142 करोड़ रुपए के 1244 कार्य और शहरी क्षेत्रों में 68 करोड़ रुपए के 153 कार्य स्वीकृत कर जरूरत के अनुसार नलकूपों की गहराई बढ़ाने, पाइप लाइन डालने और बदलने तथा ‘पम्पसेट’ आदि की मरम्मत के काम करवाए जा रहे हैं।

उन्होंने निर्देश दिए कि जो कार्य अभी तक भी प्रारम्भ नहीं हुए हैं, वे 10 दिन के भीतर शुरू कर आगामी 15 मई से पहले पूरे कर लिए जाएं।

उन्होंने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक गर्मी के शिखर पर रहने के दौरान टैंकरों से पेयजल की मांग पूरी करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 82 करोड़ और शहरी क्षेत्र में 25 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी कर दी गई है।

भाषा कुंज

राजकुमार

राजकुमार



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